


बीकानेर। राशन की दुकानों पर तोल मशीन में रीडिंग फिक्स करके या फिर कार्ड की यूनिट में कटौती कर राशन की चोरी करने वाले डीलरों के दिन अब जल्द ही लदने वाले हैं।
मार्च माह के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश सरकार ने जिले के सभी 630 राशन दुकानों को ई-तराजू से लैस करने की तैयारी कर ली है। डीलर के पास उपलब्ध ई-पास मशीन से सभी ई-तराजू लिंक होंगे। अंगूठा लगते ही कार्ड की यूनिट स्कैन होगी। एक कार्ड की तोल पूरी होने के बाद ही दूसरा कार्ड सक्रिय हो सकेगा।
यदि डीलर इसकी तकनीक से छेड़छाड़ करेंगे तो वह पकड़ में आ जाएगा। जिले में राशन वितरण में प्रत्येक डीलर की ओर से घटतौली की जा रही है। इसकी शिकायत भी की जाती है। लेकिन कार्रवाई होने के बाद वापस खेल शुरू हो जाता है। इलेक्ट्रानिक तराजू की रीडिंग को भी कई डीलर की ओर से फिक्स करा दिया गया है। 25 किलो की तौल में डेढ से दो किलो राशन कम मिलता है। जबकि उसमें लगी डिस्प्ले में पूरा 25 किलो ही दिखता है। डीलर राशन कम नहीं होने की बात कहकर उपभोक्ताओं को ड़ेढ से दो किलो कम तोलते हैं। अब डीलर की मनमानी का यह खेल नहीं चल पाएगा। सभी डीलर वितरकों को ई-तराजू खरीदना होगा।
अभी ऐसे करते थे गड़बड़-
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जिले के सभी राशन डीलर ई पास मशीन से उपभोक्ता के अंगूठे को स्कैन करके उन्हें अगली तिथि की पर्ची पकड़ा देते हैं। कई बार निर्धारित तिथि पर भी दुकान नहीं खोलते। यदि खोलते हैं तो उपभोक्ता को अपनी समस्या बताकर निर्धारित तोल को लेकर कम राशन तोलते हैं। ऐसे में प्रतिमाह कई क्विंटल की राशन की कालाबाजारी कर दी जाती है। जिले में राशन कार्ड धारकों की स्थिति जिले में 2 लाख 70 हजार खाद्यान्न सुरक्षा लाभार्थियों का 5 किलो प्रति यूनिट के हिसाब गेहूं बट रहा है। 625 डीलर के माध्यम से वितरण होता राशन विधि माप विभाग से होंगे पंजीकृत तराजू के सीरियल नंबर विधिक माप विज्ञान विभाग की ओर से पंजीकृत किए जाएंगे। इसमें लगने वाले सेंसर तकनीक से चलने वाले ये तराजू डीलर के पास उपलब्ध ई-पास मशीन से इंटरनेट के माध्यम से जुड़ेंगे। ई-पास मशीन पर उपभोक्ता का अंगूठा स्कैन होते ही ई. तराजू सक्रिय हो जाएगा। कार्ड में जितनी यूनिट होंगीए उतना राशन स्वतरू ही तौल लिया जाएगा। जब तक एक उपभोक्ता की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होगी। तब तक दूसरा कार्ड सक्रिय नहीं किया जा सकेगा। यदि छेड़छाड की तो मशीन रूक जाएगी। जिसे फिर से नए सिरे से चालू करना होगा।
मनमानी पर लगेगा अंकुश

राशन वितरण में पारदर्शिता के लिए प्रदेश स्तर से 100 दिन की योजना में इसके प्रबंध कराए जाने की सूचना मिली है। तीन माह में इसको लागू करने की योजना बनाई गई है। इससे राशन वितरण में मनमानी पर अंकुश लग जाएगा।
जितेंद्र कुमारए जिला रसद अधिकारी, झालावाड़।
गड़बड़ी की आशंका खत्म –
राशन दुकानों पर अब इंटीग्रेटेड मशीनें आ रही है। जो पोस मशीनों से कनेक्ट हो जाएगी। जैसे ही उसमें राशन कार्ड की एंट्री की जाएगी। सारा डाटा उसमें आ जाएगा। इससे परिवार में कितने सदस्य है, मशीन पूरो जोड़कर स्पील निकाल देगी। इससे गड़बड़ी की आशंका खत्म हो जाएगी। मशीनें जयपुर से चेक होकर आ रही है।