


जोधपुर।4 साल बाद एक बच्चा अपने परिवार से मिला। 2019 में उसे पड़ोसी अपहरण कर ले गए थे और गुजरात में भीख मंगवाते थे। जोधपुर और गुजरात की दाहोद पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई की है। राजस्थान के बच्चा चोर बजरंग-गीता उर्फ ‘बंटी- ‘बबली’ के कब्जे से बरामद तीन बच्चों में से राजू उर्फ राहुल का करीबन 4 साल बाद जोधपुर स्थित परिवार से मिलन हुआ। सोमवार को दादी मां को देखते ही राहुल ने पहचान लिया। 5 अगस्त को दाहोद पुलिस ने राजस्थान में वांछित बच्चा चोर ‘बंटी-बबली’ जोड़े को हिरासत में लिया था। आरोपियों की पहचान गीता ठाकुर (सरवाण गांव-केकड़ी-राज.) व मंडोल गांव भीलवाड़ा निवासी बजरंगसिंह रावत के रूप में हुई। इनके कब्जे से तीन बच्चे मिले हैं। ये अपहृत बच्चों से भिक्षावृति करवाते थे। मूर्तियां बनाने वाले राहुल के पिता प्रकाश बावरी ने बताया कि बेटे का नाम राजू नहीं राहुल (6) है। 2019 में शास्त्रीनगर में तंबू बनाकर डेरा डालकर रहते थे। पास ही एक व्यक्ति पत्नी के साथ तंबू बनाकर ठहरा। उसने अपना नाम करण बताया और मुझसे मित्रता कर ली। 28 नवंबर 2019 को मैं घर पर नहीं था। करण मेरे पुत्र राहुल और मेरी ठेलागाड़ी लेकर चला गया। मां पानीबाई ने पुलिस थाने में फरियाद की। साथ ही हम भी तलाशते रहे, लेकिन वह नहीं मिला। राहुल के चोरी होने के बाद गुस्सा होकर पत्नी गुडगांव स्थित मायके चली गई। फिर अब पुलिस से रमेश मेरे पास आए और राहुल के मिलने की बात बताई। मैं मां पानीबाई व पुलिस के साथ दाहोद आया। राहुल को सकुशल देखकर खुशी है। अब हम सभी मन्नतें पूरी करेंगे। यूं ढूंढा पुलिस ने राहुल उर्फ राजू के अपहरण के वक्त के सीसीटीवी फुटेज, परिवार के आधार कार्ड की फोटो स्टेट, राजस्थान में दर्ज परिवाद व इसके बाद की कार्रवाई आदि के 150 से अधिक दस्तावेजों को खंगाला। इससे राहुल की पहचान और उसके परिवार की तस्दीक हुई। जिला समाज सुरक्षा अधिकारी शांतिलाल तावियाड सहित अधिकारियों की मौजूदगी में राहुल को दादी पानीबाई बावरी व पिता प्रकाश बावरी को सौंपा गया। बंटी बबली ने नहीं की शादी, फिर भी साथ रहते दोनो शातिरों ने शादी नहीं की है, लेकिन शादीशुदा लोगो की तरह ही साथ रहते हैं। 29 जुलाई को भीलवाड़ा से नन्नू नामक तीन साल के बच्चे का अपहरण करने के बाद ये बच्चा चोर बंटी-बबली सुरक्षा एजेंसियों से छुपकर भागता फिर रहा था। दंपती के अंतरराज्यीय बच्चा चोर गैंग का सदस्य होने की आशंका है। ये जोड़ा जोधपुर-दिल्ली के बाद भीलवाड़ा में वारदात कर मप्र से होते हुए दाहोद पहुंचा था, यहां भी ऐसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था।
