


पर्यावरण चेतना से बदल रही मारवाड़ की तस्वीर, नागौर, पाली और बीकानेर में बढ़ी हरियाली
नागौर – मारवाड़ अंचल में पर्यावरण जागरूकता के चलते पिछले कुछ वर्षों में हरियाली में तेजी से वृद्धि हुई है। जहां पहले मरूस्थलीय इलाका था, वहीं अब पौधरोपण और संरक्षण के प्रयासों से वन भूमि में इजाफा हो रहा है। भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून की रिपोर्ट के अनुसार, नागौर, पाली और बीकानेर में वन क्षेत्र सबसे तेजी से बढ़ा है।
वन क्षेत्र में वृद्धि के आंकड़े
पिछले तीन सर्वेक्षणों (2021, 2019, 2017) के अनुसार, राजस्थान में वन क्षेत्र में क्रमशः 25.45 वर्ग किमी, 57.51 वर्ग किमी और 466 वर्ग किमी की वृद्धि दर्ज की गई है। नागौर जिले में विशेष रूप से वन आच्छादित क्षेत्र 2017 में 22 वर्ग किमी, 2019 में 4.04 वर्ग किमी और 2021 में 22.72 वर्ग किमी बढ़ा है।
हरियाली बढ़ने से बढ़ी बारिश
विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी राजस्थान में वन क्षेत्र बढ़ने से बारिश का औसत भी बढ़ा है। नागौर जिले में औसत वर्षा 367 मिमी मानी जाती थी, लेकिन 2010 के बाद से लगातार अधिक बारिश दर्ज की गई है। वर्ष 2019 और 2021 में यह आंकड़ा 600 मिमी से अधिक पहुंच गया।
सरकार की पहल और लक्ष्य
राजस्थान सरकार ने वन नीति 2023 के तहत वनस्पति आवरण को 20% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
- Advertisement -
-
2023-24 में 77,295 हेक्टेयर और 2024-25 में 77,831.85 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण किया गया।
-
528 नर्सरियों में तैयार पौधों को जनता, पंचायतों और नगर निकायों को राजकीय दर पर वितरित किया गया।
-
2025-26 में वितरण के लिए 4 करोड़ पौधे तैयार किए जा रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण में जागरूकता अभियान
प्लास्टिक मुक्त अभियान:
रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन रामप्रकाश मिर्धा ने कहा कि वे लोगों को प्लास्टिक का उपयोग बंद करने के लिए जागरूक कर रहे हैं और कपड़े की थैलियां वितरित कर रहे हैं।
40 वर्षों से हरियाली का प्रयास:
पर्यावरण प्रेमी पद्मश्री हिम्मताराम भांभू ने बताया कि पहले लोग पौधरोपण को गंभीरता से नहीं लेते थे, लेकिन अब वे खुद पहल कर पेड़ लगा रहे हैं। उनके प्रयासों से हजारों लोग प्रेरित हुए और आज नागौर सहित पूरे मारवाड़ में हरियाली बढ़ रही है।
निष्कर्ष
पर्यावरणीय चेतना और सरकारी प्रयासों से मारवाड़ की जलवायु में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। लोगों की पहल और सरकार की योजनाओं से रेगिस्तान हरा-भरा हो रहा है और बारिश का औसत बढ़ रहा है, जिससे क्षेत्र का भविष्य और अधिक उज्ज्वल नजर आ रहा है।