


जोधपुर।मारवाड़ा का महाकुंभ कही जाने वाली भौगीशैल परिक्रमा को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस बार परिक्रमा की शुरूआत 28 जुलाई को होगी। इसमें जोधपुर और मारवाड़ के बड़ी संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेंगे। हर तीन साल बाद अधिक मास में होने वाली इस परिक्रमा का आयोजन हिंदू सेवा मंडल प्रशासन के सहयोग से करता है। इस बार भी परिक्रमा को लेकर तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। पिछले बार कोरोना की वजह से यह परिक्रमा नहीं हो पाई थी। परंपराओं के चलते सिर्फ प्रतीकात्मक परिक्रमा ही निकाली गई। मथुरा गोवर्धन की 21 और 84 कोस की परिक्रमा के तहत 110 किमी की पौराणिक और धार्मिक महत्व की इस परिक्रमा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। परिक्रमा का समापन 3 अगस्त को किया जाएगा। मंडल के प्रधान महेश जाजड़ा ने बताया इस बार परिक्रमा को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह नजर आ रहा है। यात्रियों के रहने खाने-पीने से लेकर उनके सामान को अगले परिक्रमा स्थल तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था मंडल की ओर से की जाएगी इसके लिए चार ट्रक भी लगाए जाएंगे। जो यात्री पैदल नहीं चल सकते उनके लिए मिनी बसों की व्यवस्था इस बार मंडल की ओर से की गई है। सचिव विष्णुचंद प्रजापति ने बताया परिक्रमा में शामिल होने वाले श्रद्धालु प्राचीन जलकुंडो में स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे। परिक्रमा में जिला प्रशासन के अलावा स्वयंसेवी संस्थाओं, भामाशाहों, धार्मिक संगठनों का भी सहयोग रहता है। इस परिक्रमा का उल्लेख स्कंद पुराण में भी मिलता है। पहले लोग अपने सिर पर राशन की सामग्री लेकर परिक्रमा करते थे। मान्यता है कि अधिक मास में दान पुण्य और अपने शरीर को कष्ट देकर की गई तपस्या का फल मिलता है। आज से लगभग 100 साल पहले हिंदू सेवा मंडल के 50 कार्यकर्ताओं के साथ इस परिक्रमा की शुरुआत की गई थी। तब से लेकर आज तक इसका संचालन हिंदू सेवा मंडल ही करता आया है। ये रहेगा यात्रा कार्यक्रम 28 जुलाई प्रथम दिन भौगीशेल परिक्रमा की शुरूआत हिंदू सेवा मंडल कार्यालय घंटाघर पर ध्वज पूजन के साथ यात्रा प्रारंभ होगी। इसके बाद तीजां मां मंदिर, सोजती गेट पुलिस लाइन होते हुए रातानाडा भाटी चौराहा विनायकजी दर्शन होंगे। इसके बाद रात्रि विश्राम रातानाडा भाटी चौराहा पर किया जाएगा। 29 जुलाई दूसरा दिन सुबह 4 बजे से परिक्रमा ध्वज प्रस्थान होगा। यहां से रिक्तिया भैरूजी, 12 वी रोड़, राजेंद्र मार्ग होते हुए मसूरिया बाबा रामदेव मंदिर, पाल लिंक रोड़ जूना खेड़ापति हनुमान मंदिर, सैन बगेची होते हुए चौपासनी में रात्रि विश्राम होगा। 30 जुलाई बड़ली में होगा पड़ाव चौपासनी से हथकरघा भवन, दंताल माता, श्रीजी बैठक, कच्छवाहा चैराहा से पहाड़ी मार्ग होते हुए अरना झरना, भदरेसिया, कदमकण्डी होते हुए पड़ाव बड़ली पहुंचेगा। यहां रात्रि विश्राम किया जाएगा। 31 जुलाई बैद्यनाथ महादेव बड़ली से परिक्रमा पड़ाव सोढ़ों की ढाणी, रूपावतों का बेरा, कुई बावड़ी, भूरी बेरी, बृहस्पति कुंड होते हुए बैद्यनाथ महादेव पहुचंकर विश्राम होगा। 1 अगस्त बेरी गंगा में विश्राम पांचवे दिन की यात्रा मंडलनाथ महादेव, कुंडली माता, बीएसएफ, जोगी तीर्थ, दईजर माता से पहाड़ी मार्ग होते हुए बेरी गंगा पहुंचेगी। यहां पड़ाव का विश्राम होगा। 2 अगस्त को मंडोर पहुंचेगी यात्रा बेरी गंगा से 6वें दिन की यात्रा की शुरूआत सुबह 5 बजे से होगी। यहां से निम्बली निम्बा तीर्थ, रेलवे स्टेशन मंडोर बालाजी मंदिर होते हुए पड़ाव का दिन विश्राम मंडोर उद्यान में होगा। शाम 5 बजे भुवनेशवरी माता के दर्शन कर रात्रि विश्राम कृषि मंडी में किया जाएगा। 3 अगस्त कार्यालय पहुंचकर होगा विसर्जन अंतिम दिन पड़ाव सुबह 5 बजे संतोषी माता, कागा तीर्थ शीतला माता, शेखावत बालाजी के दर्शन कर उम्मेद भवन, रातानाडा गणेश मंदिर, पुलिस लाईन, सोजती गेट, कंदोई बाजार, कपड़ा बाजार, सराफा बाजार, जूनी मंडी गंगश्यामजी मंदिर दर्शन कर परिक्रमा ध्वज हिंदू सेवा मंडल कार्यालय घंटाघर पहुंचकर विसर्जन होगा। इस यात्रा में हिंदू सेवा मंडल के 150 पदाधिकारियों सहित लगभग 500 कार्यकर्ता भी सेवाएं देते हैं।
