जोधपुर।बच्चों ने अपने परिजनों को शिकायत की थी इसके बाद मामले का खुलासा हुआ था।जोधपुर ग्रामीण के बालेसर क्षेत्र के सेतरावा में वीर दुर्गादास सैनिक स्कूल के हॉस्टल में रहने वाले बच्चों ने स्कूल प्रबंधन और टीचर्स पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बच्चों ने इंग्लिश मीडियम में इसी सत्र में स्कूल में एडमिशन लिया था।बच्चों ने रोते हुए परिजनों को वीडियो कॉल कर बताया कि उनके साथ स्कूल हॉस्टल में अत्याचार हो रहा है। पीने को साफ पानी तक नहीं मिल रहा। बाथरूम का पानी पिलाया जा रहा है। खाना भी नहीं दिया जा रहा और ताला लगाकर बंधक बना रखा गया है।बच्चों से बाल आयोग के सदस्यों ने मंगलवार रात पूछताछ की। उन्हें जोधपुर के बाल सुधार गृह में शिफ्ट कर दिया। बच्चों की बात सुनकर परिजन मंगलवार को स्कूल पहुंचे तो एक टीचर ने खुद को कमरे में बंद कर लिया और बाहर से ताला लगवा दिया। इस पर पेरेंट्स ने बच्चों को प्रधानाचार्य कक्ष के बाहर बरामदे में इकट्ठा किया और वीडियो बनाकर उनसे सारी बातें पूछीं। इसके बाद स्कूल में हंगामा करते हुए बाल कल्याण अधिकारी को शिकायत की और जोधपुर ग्रामीण पुलिस को सूचना दी। मामले में बाल संरक्षण आयोग ने स्कूल संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है।फिलहाल बच्चों को रेस्क्यू कर जोधपुर के बाल सुधार गृह लाया गया है। बच्चों ने स्कूल के प्रबंधक मोहन सिंह, प्रिंसिपल पेप सिंह राठौड़, टीचर महावीर सिंह व विरेंद्र सिंह हैं टॉर्चर करने के आरोप लगाए हैं।बच्चों ने जो कुछ बताया वो हैरान करने वाला था इस पर बच्चों ने रोते हुए अपनी पीड़ा बताई। एक बच्चे ने कहा कि उन्हें पीने के बाथरूम का पानी दिया जाता है। वाटर कूलर सिर्फ हिंदी मीडियम स्टूडेंट्स के लिए है। वॉशरूम पर भी ताला लगा दिया जाता है। चाबी मांगी तो कह दिया कि नहीं है, बाथरूम का ही पानी पियो।एक अन्य बच्चे ने कहा- हिंदी मीडियम के सर कहते हैं कि हम तुम्हें खाना खिलाकर एहसान करते हैं। एक दिन खाने में कमी बताई तो बिना खिलाए ही ऊपर भेज दिया। वीरेंद्र सर और महावीर सर ने हमें नाजायज औलाद तक कह दिया। बच्चे ने बताया कि महावीर सर खुद के कमरे को लॉक कर अंदर छुपे बैठे हैं।हॉस्टल में रहने वाले बच्चों ने एक-एक कर अपनी पीड़ा सुनाई।ऐसे ही एक बच्चे ने कहा कि वीरेंद्र सर डोडा (नशा) खाकर आते हैं और मारपीट करते हैं। हमने उन्हें डोडा खाते देखा है। पहले एक मिश्रा सर थे, वे दारू नहीं पीते थे, उन पर दारू पीने का आरोप लगाकर उन्हें स्कूल से निकाल दिया, लेकिन वीरेंद्र सर को कुछ नहीं कहते।एक बच्चे ने बताया कि सिर्फ दो दिन क्लास लगी। फिर हॉल में बैठा दिया, वे सिर्फ हिंदी मीडियम वालों को पढ़ाते हैं।एक बच्चे ने बनियान पहनी थी, अभिभावकों ने पूछा तो कहा कि कपड़े और हमारा लगेज सर के ऑफिस में हैं। सर ने ऑफिस नहीं खोला। बोले कि मोहन सर बाहर गए हैं, चाबी नहीं है। हमें हमारा फोन भी मुश्किल से मिला।बच्चों ने बताया कि मोहन सर यहां नहीं थे। पुलिस वाले आए तो उनके साथ ही मोहन सर आए और हमें फोन दिया। इसके बाद हमने अपने घर पर सोमवार को वीडियो कॉल कर सारी बातें बताईं।एक बच्चे ने रोते हुए बताया कि महावीर और वीरेंद्र सर ने टीशर्ट उतार कर थप्पड़ मारे। वे हमें मोडा बोलते हैं। कहते हैं कि पांच बाप की औलाद हो। माता-पिता को गालियां देते हैं।सर कहते हैं कि तुम्हें हिंदी मीडियम वाले छात्रों से पिटवाएंगे, इससे केस भी नहीं बनेगा। हिंदी मीडियम वाले छात्र भी गाली-गलौज करते हैं।परिजनों ने वीडियो बनायावीडियो में दो महिलाएं नजर आ रही हैं, जो परिजन हैं। एक महिला ने कहा कि बच्चों को ऐसी जगह छोड़ दिया, जहां उन्हें भूखा मार दिया। बच्चों को दुखी कर रखा है। लाख-लाख रुपए देने के बाद ये हाल है। बच्चों को मोहन सिंह के भरोसे छोड़ा था, लेकिन बच्चे पानी तक को तरस गए।परिजनों में से दो महिलाओं ने बच्चों को प्रिंसिपल रूम के सामने इकट्ठा कर वीडियो बनाया।एक अन्य महिला ने कहा- बच्चों को हथेली के छाले की तरह पाला है। काजू-बादाम के डिब्बे भरकर इन्हें हॉस्टल में रहने भेजा था। सोचा था कि बच्चे सेना में, नेवी में बड़े अफसर बनेंगे, लेकिन देखिये, क्या हाल कर दिया बच्चों का।
बच्चे बोले- हॉस्टल में हम बंधक
पेरेंट्स ने बाल कल्याण अधिकारी को दी शिकायत में बताया कि स्कूल में 1 लाख रुपए फीस देकर बच्चों का एडमिशन इसी सत्र में करवाया था। 3 जुलाई सोमवार को बच्चों ने वीडियो काॅल कर बताया कि हाॅस्टल में सभी बच्चों को बंधक बनाकर रखा गया है। उनके चारों तरफ ताले लगाए गए हैं। स्कूल में पढ़ाई के लिए क्लास में भी नहीं बैठने दिया जा रहा है।
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हिंदी मीडियम में पढ़ाने का विरोध किया था पैरेंट्स ने आरोप लगाया कि एडमिशन से पहले उन्हें बच्चों को इंग्लिश मीडियम में पढ़ाई करने की बात स्कूल प्रबंधन ने कही थी, लेकिन हिंदी मीडियम में पढ़ाया जा रहा है। बच्चों ने इसी का विरोध किया।बाल संरक्षण आयोग बोला- पत्र लिखकर जवाब मांगाबाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष संगीता बेनिवाल ने बताया कि टेलीफोन के माध्यम से कुछ अभिभावकों ने शिकायत दी। बच्चों ने अपने अभिभावकों को वीडियो काॅल से स्कूल में अव्यवस्थाओं को लेकर बताया था।बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि शिकायत पर रिपोर्ट मांगी है।शिक्षा निदेशक और संबंधित विभाग को पत्र लिखकर जवाब मांगा गया है। बच्चों का भविष्य खराब नहीं हो इसके लिए भी बाल आयोग प्रयासरत है। जो भी तथ्यात्मक रिपोर्ट आएगी, उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।ग्रामीण एसपी धर्मेंद्र सिंह ने बताया पेरेंट्स की शिकायत पर हमने मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल बच्चों को बाल सुधार गृह रखा जाएगा। यहां मनोचिकित्सक से उनकी काउंसिलिंग कराई जाएगी। इसके बाद बच्चों के बयान लिए जाएंगे।
वीर दुर्गादास स्कूल सेतरावा जोधपुर की स्कूल बस।
बता दें कि बालेसर के सेतरावा स्थित यह सैनिक स्कूल प्राइवेट बोर्डिंग है। सैनिक एरिया में होने के कारण स्कूल का नाम सैनिक स्कूल है।
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