


जोधपुर। जोधपुर शहर का ऐतिहासिक उम्मेद सागर तालाब आधे से ज्यादा अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुका है। यह बात खुद पीएचईडी डिपार्टमेंट मान चुका है। कार्रवाई के नाम पर कागज की फाइलें तैयार कर ली गई है मगर धरातल पर इस बांध को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं।
रियासत काल में बना जोधपुर का उम्मेद सागर बांध प्रशासन की उदासीनता के कारण लगातार अतिक्रमण की चपेट में आता गया। इस बांध के कैचमेंट एरिया में लोगों ने मकान बना लिए और सडक़ें बनाकर बिजली के पोल भी खड़े कर दिए। करीब 1 साल पहले मामला उठा तो जिला प्रशासन की दखल के बाद पीएचईडी विभाग ने इस पर सर्वे किया। खुद डिपार्टमेंट ने माना कि 53त्न से ज्यादा हिस्से पर कब्जे हो रखे हैं। मगर इसके बावजूद कार्यवाही नहीं हो रही।
विभाग का दावा पुलिस और प्रशासन का नहीं मिल रहा साथ
इस बांध पर अभी पूरी तरह से स्वामित्व पीएचईडी विभाग का है। लेकिन यहां विभाग कार्रवाई करने की बजाय प्रशासन और पुलिस को सहयोग नहीं करने की बात कह रहा है।
700 बीघा से ज्यादा जमीन
इस बांध की कुल जमीन 714 बीघा है जिस पर पीएचडी विभाग ने सर्वे किया तो पाया कि 53त्न हिस्से पर अतिक्रमण से हो रखे हैं। इस बांध से फिलहाल 210 गांव की 5 लाख आबादी में पेयजल सप्लाई होती। ग्रामीण क्षेत्र के लिए यह पानी की एक प्रमुख लाइफलाइन है।
