RTI में बड़ा खुलासा: जयपुर राजघराने का दशकों पुराना खजाना अब भी ट्रेजरी के सुरक्षित कक्ष में
जयपुर के पूर्व राजघराने से जुड़ा वह रहस्यमय खजाना, जिसकी चर्चा आपातकाल के दौर से चली आ रही है, आखिरकार आरटीआई के जरिए फिर सुर्खियों में आ गया है। राजस्थान की राज्य ट्रेजरी ने दी गई जानकारी में पुष्टि की है कि आयकर विभाग द्वारा जब्त किए गए बहुमूल्य दो सील्ड बॉक्स आज भी जयपुर ट्रेजरी के सुरक्षित कक्ष में संरक्षित हैं।
यह वही खजाना है जिसके बारे में वर्षों से कहा जाता रहा कि आपातकाल (1975–77) के दौरान जयपुर राजघराने पर हुई आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई में इसे जब्त किया गया था। लेकिन अब पहली बार सरकारी रिकॉर्ड से इसका आधिकारिक संकेत मिला है।
1975 की कार्रवाई का रिकॉर्ड सामने आया
आरटीआई कार्यकर्ता महेश झालानी को उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, 6 मई 1975 के पत्र के आधार पर 24 मई 1975 को दो सील्ड बॉक्स जयपुर ट्रेजरी के सुरक्षित कक्ष में जमा कराए गए थे।
बाद में 27 अक्टूबर 1979 के एक पत्र के क्रम में इन्हें दिल्ली स्थित आयकर विभाग (इंटेलिजेंस) कार्यालय को सुपुर्द किया गया। हालांकि उसी वर्ष 31 अक्टूबर को इन दोनों बॉक्सों को पुनः जयपुर ट्रेजरी में वापस जमा कर दिया गया।
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पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के 6 फरवरी 2020 के पत्र ने भी इस रिकॉर्ड की पुष्टि की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बॉक्स वर्षों से एक ही प्रक्रिया के तहत सुरक्षित रखे गए हैं।
खजाने में क्या है, किसी को जानकारी नहीं
ट्रेजरी ने यह भी बताया है कि राजस्थान कोषागार नियमावली के नियम 120 के तहत जो भी सील्ड पैकेट किसी विभाग द्वारा जमा कराया जाता है, उसकी सील खोलना कोषालय का अधिकार नहीं होता।
इसी कारण इन बॉक्सों में क्या रखा है, कितना वजन है, या कौन-कौन सी बहुमूल्य वस्तुएं इसमें हैं—इस संबंध में ट्रेजरी के पास कोई विवरण उपलब्ध नहीं है।
गौरतलब है कि आयकर विभाग ने बॉक्स जमा करते समय सामान का विवरण उपलब्ध नहीं कराया था, इसलिए आधिकारिक रिकॉर्ड में इन वस्तुओं का कोई उल्लेख भी दर्ज नहीं है।
आपातकाल की कार्रवाई पर मुहर?
महेश झालानी का दावा है कि आरटीआई से मिली यह जानकारी आपातकाल के दौरान जयपुर राजमहल और उससे जुड़े ठिकानों पर पड़े छापों और बहुमूल्य वस्तुओं की जब्ती की पुष्टि करती है।
लंबे समय से कहा जाता रहा था कि उस कार्रवाई में अरबों रुपये के हीरे, जवाहरात और पुरावशेष बरामद किए गए थे, लेकिन आधिकारिक पुष्टि कभी स्पष्ट रूप से सामने नहीं आई।
अब ट्रेजरी के रिकॉर्ड में दर्ज इन सील्ड बॉक्सों का मौजूद होना उस ऐतिहासिक कार्रवाई से जुड़े कई पुराने प्रश्नों को फिर से जीवित कर रहा है।
