


गुजरात में ISI जासूसी नेटवर्क का विस्तार, स्वास्थ्यकर्मी सहित कई गिरफ्तार
गुजरात आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने राज्य में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से जुड़े एक जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए सीमावर्ती कच्छ जिले से एक संविदा स्वास्थ्यकर्मी को गिरफ्तार किया है। यह मामला हाल के महीनों में सामने आए ऐसे ही अन्य मामलों की कड़ी में नया नाम जोड़ता है, जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन चुका है।
कच्छ से पकड़ा गया स्वास्थ्यकर्मी
गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान सहदेवसिंह दीपुभा गोहिल (उम्र 28) के रूप में हुई है, जो माता-ना-मढ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बहुपरकारी स्वास्थ्यकर्मी (MPHW) के तौर पर कार्यरत था। ATS के अनुसार, गोहिल ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) और भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील तस्वीरें और वीडियो एक महिला एजेंट को भेजे, जो खुद को ‘आदिति भारद्वाज’ बताती थी।
व्हाट्सएप पर शुरू हुआ संपर्क, नकद लेनदेन का खुलासा
जांच में सामने आया है कि गोहिल और महिला एजेंट के बीच संपर्क 2023 के मध्य में व्हाट्सएप के जरिए हुआ। महिला ने खुद को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़ा बताया और गोहिल से निर्माणाधीन सैन्य प्रतिष्ठानों की जानकारी मांगी। 2025 की शुरुआत में गोहिल ने आधार कार्ड का उपयोग कर नया सिम खरीदा और उसे एजेंट को सौंप दिया। इसके बदले उसे एक बिचौलिए के माध्यम से ₹40,000 नकद मिले।
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तकनीकी निगरानी से गिरफ्तारी, डेटा की फॉरेंसिक जांच जारी
1 मई को ATS ने तकनीकी निगरानी और खुफिया एजेंसियों की सहायता से गोहिल को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया। उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 (आपराधिक षड्यंत्र) और 148 (सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ने या सहयोग करने) के तहत मामला दर्ज किया गया है। गोहिल के फोन से कई डेटा डिलीट मिले, जिन्हें फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।

पिछले मामले: देवभूमि द्वारका और पोरबंदर भी चपेट में
यह मामला कोई पहला नहीं है। नवंबर 2024 में देवभूमि द्वारका जिले के अरम्बदा गांव निवासी दीपेश बटुक गोहिल को ICG (भारतीय तटरक्षक बल) के जहाजों की जानकारी फेसबुक पर पाक एजेंट को भेजने के आरोप में पकड़ा गया था। दीपेश को इसके बदले ₹42,000 दिए गए थे।
इसी तरह, अक्टूबर 2024 में पोरबंदर के पंकज कोटिया को रिया नामक पाकिस्तानी महिला एजेंट को तटरक्षक जहाजों की जानकारियां भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसे यह धनराशि बैंक खातों के माध्यम से ₹26,000 मिली थी।
सोशल मीडिया के माध्यम से जाल बिछा रही ISI
ATS अधिकारियों का कहना है कि पाकिस्तानी एजेंट अक्सर सोशल मीडिया पर फर्जी महिला पहचान बनाकर भारतीय नागरिकों से संपर्क करते हैं। वे भावनात्मक या आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को निशाना बनाते हैं और उन्हें देश की संवेदनशील जानकारियां भेजने के लिए उकसाते हैं। ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल संबंधित एजेंसियों को देने की अपील की गई है।