


नई दिल्ली। सड़क सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, हर नई बाइक के साथ दो ISI प्रमाणित हेलमेट मुफ्त दिए जाएंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस नई नीति की घोषणा की, जिसका उद्देश्य दोपहिया वाहन चालकों और सहयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस पहल से हेलमेट पहनने की आदत को बढ़ावा मिलेगा और सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और गंभीर चोटों को कम करने में मदद मिलेगी।
सुरक्षा को मिलेगा नया स्तर
टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (THMA) के अध्यक्ष राजीव कपूर ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा, “यह केवल एक नियम नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए एक जरूरी फैसला है।” उद्योग जगत ने इस पर जोर दिया कि चालक और सहयात्री दोनों ISI प्रमाणित हेलमेट पहनेंगे, तो हर यात्रा न केवल सुरक्षित होगी, बल्कि जिम्मेदारी का भी प्रतीक बनेगी।
क्या होता है ISI प्रमाणित हेलमेट?
ISI प्रमाणित हेलमेट वे होते हैं, जो भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा तय किए गए सुरक्षा मानकों पर खरे उतरते हैं। इनमें ISI मार्क और सात अंकों का लाइसेंस नंबर होता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि हेलमेट सख्त गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षणों में सफल रहा है।
ISI मार्क क्यों है जरूरी?
-
सुरक्षा गारंटी: ISI मार्क दर्शाता है कि हेलमेट ने सभी अनिवार्य परीक्षणों को पास किया है।
- Advertisement -
-
बेहतर मजबूती: यह हेलमेट सिर की चोटों से बचाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
-
उच्च गुणवत्ता: बिना ISI मार्क वाले हेलमेट सस्ते हो सकते हैं, लेकिन वे जरूरी सुरक्षा प्रदान नहीं करते।
कैसे पहचानें ISI प्रमाणित हेलमेट?
-
हेलमेट पर ISI मार्क जरूर होना चाहिए।
-
ISI मार्क के नीचे 7 अंकों का लाइसेंस नंबर दर्ज होना चाहिए।
-
IS 4151:2015 कोड मौजूद होना चाहिए, जो दोपहिया वाहनों के लिए मान्य हेलमेट का मानक है।
सड़क हादसों के डरावने आंकड़े
भारत में हर साल 4.80 लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें करीब 1.88 लाख लोगों की मौत हो जाती है।
-
69,000 से ज्यादा लोग दोपहिया दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं।
-
50% मौतें हेलमेट न पहनने के कारण होती हैं।
निष्कर्ष
सरकार का यह कदम सड़क सुरक्षा को नई दिशा देगा और दोपहिया चालकों के लिए हेलमेट पहनने की अनिवार्यता को मजबूती देगा। हर नई बाइक के साथ दो मुफ्त ISI हेलमेट मिलने से न केवल जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को भी कम किया जा सकेगा।