


IMF Approves Loan To Pakistan: भारत के विरोध के बावजूद पाकिस्तान को 8,500 करोड़ रुपये का लोन
भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर (लगभग 8,500 करोड़ रुपये) का लोन मंजूर कर दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत एयरस्ट्राइक की है। दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए हैं, और पाकिस्तान लगातार सीमाओं पर सीज़फायर का उल्लंघन कर रहा है, साथ ही भारत के कई शहरों को ड्रोन्स और मिसाइल से निशाना बना रहा है। भारत की ओर से भी जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के तीन एयरबेस पर हवाई हमले किए गए हैं।
IMF की मीटिंग और भारत का विरोध
आईएमएफ ने अपनी देर रात हुई बैठक में पाकिस्तान को लोन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, लेकिन भारत ने हिस्सा नहीं लिया क्योंकि IMF की वोटिंग प्रक्रिया में ‘ना’ का विकल्प मौजूद नहीं होता। भारत ने मीटिंग में स्पष्ट रूप से विरोध जताया और बताया कि पाकिस्तान इस राशि का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने में कर सकता है।
प्राकृतिक आपदाओं के नाम पर अतिरिक्त सहायता
IMF ने पाकिस्तान को ‘लचीलापन और स्थिरता सुविधा’ (RSF) के तहत भी लगभग 1.4 अरब डॉलर (करीब 11,000 करोड़ रुपये) की अतिरिक्त सहायता देने पर सहमति जताई है। यह सहायता प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए दी जा रही है।
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सोशल मीडिया पर IMF के फैसले की आलोचना
भारत में IMF के इस फैसले का व्यापक विरोध हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग #IMFSupportsTerrorism और #ShameOnIMF जैसे हैशटैग के साथ IMF की निंदा कर रहे हैं। कई यूज़र्स IMF को ‘इंटरनेशनल मुजाहिदीन फंड’ तक कह रहे हैं।
भारत का तर्क और दीर्घकालिक प्रभाव
भारत ने IMF से कहा था कि पाकिस्तान आर्थिक सहायता का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद को समर्थन देने में कर सकता है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है—देश में महंगाई चरम पर है, और जनता आर्थिक तंगी से जूझ रही है। हालांकि पाकिस्तान को यह लोन आर्थिक संकट से उबारने के लिए दिया गया है, लेकिन भारत का मानना है कि दीर्घकाल में इससे पाकिस्तान को कोई स्थायी लाभ नहीं होगा क्योंकि वह खुद भी आतंकवाद से सुरक्षित नहीं है।