


बांग्लादेश की एक विशेष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है। उन पर जुलाई-अगस्त 2024 के दौरान देश में हुए अपराधों में संलिप्त होने का गंभीर आरोप है। यह वारंट इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्राइब्यूनल (ICT) द्वारा दो अलग-अलग याचिकाओं के तहत जारी किया गया है। शेख़ हसीना समेत 46 अन्य लोगों, जिनमें आवामी लीग के महासचिव ओबैदुल क़ादर भी शामिल हैं, को 18 नवंबर से पहले ट्राइब्यूनल के सामने पेश होने का आदेश दिया गया है।
आईसीटी ने शेख़ हसीना के खिलाफ एक मामले में गिरफ़्तारी का वारंट जारी किया है, जबकि दूसरी याचिका के अंतर्गत ओबैदुल क़ादर समेत 45 अन्य लोगों के खिलाफ गिरफ़्तारी वारंट जारी हुआ है। इन आरोपियों में लेखक और शिक्षाविद् प्रोफेसर जफ़र इकबाल और पूर्व न्यायाधीश शम्सुद्दीन चौधरी माणिक भी शामिल हैं।
गुरुवार को ट्राइब्यूनल के अध्यक्ष मो. गुलाम मुर्तजा की अगुवाई वाली पीठ ने यह आदेश जारी किया। इसके बाद, ट्राइब्यूनल के मुख्य सरकारी वकील ताजुल इस्लाम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस निर्णय की जानकारी दी।

बता दें कि 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान मानवीय अपराधों की सुनवाई के लिए इंटरनेशनल क्रिमिनल ट्राइब्यूनल का गठन किया गया था, और इसी ट्राइब्यूनल में शेख़ हसीना और अन्य पर लगे आरोपों की सुनवाई हो रही है।
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गौरतलब है कि बीते 5 अगस्त को शेख़ हसीना ने बांग्लादेश में छात्र आंदोलन और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिया था और इसके बाद वह भारत चली गई थीं। तब से वे भारत में ही रह रही हैं।