


बीकानेर। लद्दाख के लोगों में गुस्सा है. लद्दाख के प्रतिनिधि दो बार केंद्र सरकार के साथ दो मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला.
लद्दाख के लोगों की पूर्ण राज्य और इसे संविधान के छठी अनुसूची में शामिल करने समेत कई मांगें हैं. बुधवार को लद्दाख में बंद बुलाया गया था. बताया जा रहा है कि लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. बुधवार से वो 21 दिन की भूख हड़ताल पर हैं.
लद्दाख के लोगों की पूर्ण राज्य और इसे संविधान के छठी अनुसूची में शामिल करने समेत कई मांगें हैं. बुधवार को लद्दाख में बंद बुलाया गया था. बताया जा रहा है कि लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. बुधवार से वो 21 दिन की भूख हड़ताल पर हैं.
मीडिया से बात करते हुए सोनम वांगचुक ने कहा, ‘रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाए… ये सरकार दावा करती है कि राम उनके आदर्श हैं. राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं, जिन्होंने कभी वादा नहीं तोड़ा. इसलिए हम उम्मीद कर सकते हैं कि ये सरकार हमारे लोगों से किए वादों को नहीं तोड़ेगी.’
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वांगचुक ने ये हड़ताल तब शुरू की, जब केंद्र के साथ दो बार की बातचीत बेनतीजा रही. सोमवार को ही अपेक्स बॉडी लेह (एबीएल) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद एबीएल और केडीए के प्रतिनिधियों ने दावा किया कि दो बार बातचीत के बाद भी मांगों को लेकर कोई बात आगे नहीं बढ़ी.
दूसरी ओर, गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया था कि लद्दाख को संवैधानिक सुरक्षा देने के तौर-तरीकों पर विचार किया जा रहा है. गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय की अगुवाई में एक हाईपावर कमिटी है, जो एबीएल और केडीए की मांगों पर विचार कर रही है.

क्या हैं मांगें?
एबीएल और केडीए की लद्दाख को लेकर कई मांगें हैं. सबसे बड़ी मांग है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, ताकि उसे संवैधानिक सुरक्षा मिल सके. इसके साथ ही लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए.
इसके पीछे तर्क है कि पहले अनुच्छेद 370 की वजह से लद्दाख को संवैधानिक सुरक्षा मिली थी, लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं है.
इसके अलावा एबीएल और केडीए ने लद्दाख में पब्लिक सर्विस कमिशन (पीएससी) का गठन करने की मांग भी की है, ताकि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के मौके पैदा हो सकें. पहले यहां के लोग जम्मू-कश्मीर पीएससी में अप्लाई करते थे.
लद्दाख में दो लोकसभा सीटों की मांग भी है. एक कारगिल और एक लेह में. अभी लद्दाख में सिर्फ एक ही लोकसभा सीट है. लद्दाख देश की सबसे बड़ी संसदीय सीट है. इसका कुल क्षेत्रफल 1.73 लाख वर्ग किलोमीटर से भी ज्यादा है.