


बीकानेर। शिक्षा मंत्री के गृह जिले कोटा में सरकारीस्कूलों में 25 फीसदी से अधिक पद खाली चल रहे हैं, ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि विद्यार्थियों को कैसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध होगी। बोर्ड परीक्षाएं नजदीक आ चुकी हैं। पदों के रिक्त होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विषय विशेषज्ञ शिक्षक नहीं होने से स्मार्ट क्लास लगाकर कंटेंट से पढ़ाई करवाई जा रही है। बोर्ड विद्यार्थियों ने बताया कि यह सुविधा अच्छी है, लेकिन पढ़ाई के दौरान किसी सवाल में कोई कंफ्यूजन हो तो हल व समझाने वाला कोई नहीं होता है। दरअसल, कोटा जिले में सीनियर व सीनियर सैकण्डरी स्कूल के 7200 स्वीकृत पदों में से 1770 पद रिक्त पड़े हैं, जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कुल 3625 स्वीकृत पदों में से 3198 कार्यरत हैं, 427 पद रिक्त हैं।
इधर इंटर्नशिप के भरोसे चल रही पढ़ाई

प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के चलते हाल ही राज्य सरकार ने बीएड इंटर्नशिप अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के लिए स्कूलों का आवंटन किया है। वे ही शिक्षकों की खानापूर्ति कर रहे हैं। कई जगहों पर शिक्षक नहीं होने से दूसरे विषय के शिक्षक पढ़ाई करवा रहे हैं।