


हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ जिले के नोहर थाना क्षेत्र में घर पर बुलाकर एक व्यक्ति से मारपीट करने का मामला सामने आया है। कोर्ट के आदेश पर 7 लोगों पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ है। पीड़ित ने रिपोर्ट में बताया कि उसकी एक विवाहिता से फोन पर बात होती थी। इसको लेकर उसे पंचायत में बुलाया गया, जहां उसके साथ मारपीट की गई। पीड़ित ने इस्तगासे में खुद पर दर्ज हुए मुकदमे को झूठा बताते हुए पुलिस पर जेल भेजने का भी आरोप लगाया है। नोहर पुलिस ने कोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हेड कॉन्स्टेबल ओमप्रकाश ने बताया कि कोर्ट से प्राप्त इस्तगासे के आधार पर मारपीट की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़ित मनीष कुमार (29) पुत्र ओमप्रकाश निवासी वार्ड 18 साहवा जिला चूरू ने दर्ज करवाए रिपोर्ट में 7 लोगों पर घर बुलाकर मारपीट करने का आरोप लगाया है। मनीष ने बताया कि नौरंगलाल पुत्र कानाराम निवासी बिरकाली की बहन की नोहर तहसील क्षेत्र के करोती गांव निवासी विनोद पुत्र जोतराम के साथ शादी हुई है। मनीष की पिछले एक साल से विवाहिता से फोन पर बातें होती थी। इस बात का जब विवाहिता के भाई नौरंगलाल और ससुराल वालो को पता चला तो वो उससे नाराज रहने लगे। इस पर उसने विवाहिता से फोन पर बातचीत बंद कर दी, लेकिन विवाहिता उस पर बात करने का दबाव बनाने लगी। 16 मार्च 2023 को रावतसर कस्बा में मनीष के मामा प्रहलाद के घर पंचायत की गई। वहां पर उसके रिश्तेदार कृष्ण कुमार जोशी और उसके मामा का लड़का रामनिवास भी मौजूद था। पंचायत में कृष्ण कुमार ने कहा कि आप कल बिरकाली गांव चले जाओ, वहां पर मेरा दामाद पवन कुमार मिलेगा। आप उसके साथ नौरंगलाल के घर पर चले जाना और उसकी बहन को समझा देना। मनीष ने बताया कि उसने कृष्ण कुमार का विश्वास कर लिया और 17 मार्च 2023 को अपनी बाइक से बिरकाली गांव पहुंचा तो सड़क पर ही पवन कुमार मिल गया। यहां से दोनों नौरंगलाल के घर गए। मनीष ने बताया कि दोपहर करीब 3 बजे एक कैंपर गाड़ी आई, जिसमें 5-7 लड़के थे। इनमें से करोती गांव के 3 लड़कों विनोद, नरशी और दाताराम को वह जानता था। थोड़ी देर बाद पवन कुमार का ससुर कृष्ण कुमार भी आ गया था। इसके बाद सभी लोग उसके साथ गाली-गलौज करने लगे। तभी कृष्ण कुमार ने कहा कि देखते क्या हो, इसको इतना मारो कि यह याद रखे। इसके बाद नंदलाल, विनोद, नरशी, दाताराम और पवन कुमार ने उसको लात-घूंसों से पीटा। इस दौरान आरोपियों ने उसके गले से चांदी की चेन और मोबाइल छीन लिया। इसके बाद आरोपी नंदनलाल ने उसको कमरे में बंद कर दिया। करीब 1 घंटे बाद पुलिस आई और उसको अपने साथ नोहर थाना ले गई। रात को पुलिस ने उसकी चोटों का मेडिकल कराया और फिर थाने के बैरक में बंद कर दिया। 18 मार्च को पुलिस ने उसको एसडीएम कोर्ट में पेश किया, जहां से उसको जमानत मिल गई, लेकिन पुलिस ने उसको दोबारा पकड़ लिया और बैरक में बंद कर दिया। फिर 21 मार्च को जमानत हुई। मनीष ने आरोप लगाया कि आरोपी नौरंगलाल ने अपने रिश्तेदारों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचा और उसके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई। मनीष ने बताया कि उसने 22 मार्च को नोहर थाने में रिपोर्ट दी और 25 मार्च को डाक से एसपी को शिकायत भेजी, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। इसके बाद उसने कोर्ट में इस्तगासा पेश किया तो नोहर पुलिस ने आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है और जांच में जुटी है।
