

जयपुर।राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) 10वीं का रिजल्ट जारी हो गया है। इस बार बेटियों के साथ बेटों ने भी शानदार मार्क्स लाकर नए रिकॉर्ड बनाए हैं। 99% मार्क्स हासिल करने वाली जयपुर की गौरांगी यादव ने बताया कि बचपन से मेरे माता पिता को लड़का नहीं होने की वजह से ताने सुनते देखा था। इसी बात से मोटिवेट होकर मैं लगातार पढ़ती रही। ताकि काबिल बनाकर उन तानों का जवाब दे सकू। वहीं 97.83% मार्क्स हासिल करने वाली मेघा चौधरी एग्जाम से ठीक पहले डिप्रेशन में चली गई थी। पढ़िए ऐसी ही 10th बोर्ड के टॉपर्स की कुछ रोचक कहानियां।जयपुर की गौरंगी यादव 11th क्लास में कॉमर्स सब्जेक्ट लेकर अभी से CS की तैयारी शुरू करना चाहती हैं।जयपुर की गौरंगी यादव 11th क्लास में कॉमर्स सब्जेक्ट लेकर अभी से CS की तैयारी शुरू करना चाहती हैं।लड़का नहीं होने पर पापा को सुनने पढ़े थे ताने, अब मैं करुंगी नाम रोशन जयपुर की गौरंगी यादव ने 10वीं में 99% अंक हासिल किए हैं। लेकिन इसके बावजूद उनके मन में काफी दर्द है। जिसे वह और अच्छा पढ़ लिखकर दूर करना चाहती हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में गौरांगी ने कहा कि उनके परिवार में माता पिता और तीन बहने है। ऐसे में बचपन से ही उनके माता-पिता को लड़का नहीं होने की वजह से ताने सुनने पड़ते थे।मेरे माता पिता को लोग बार-बार कहते थे। तुम्हारे घर में लड़का नहीं है। तुम्हारे घर में तीन लड़कियां हैं। कोई लड़का हो जाता तो ठीक रहता। जिसे सुनकर मुझे काफी बुरा लगता था। इसलिए अब बस मैं यही चाहती हूं कि मैं कुछ ऐसा काम करूं। जिससे लड़के और लड़की का अंतर खत्म हो सके। इसलिए मैं अब कॉमर्स लेकर फ्यूचर में कंपनी सेक्रेटरी (CS) बनना चाहती हूं। ताकि एक बेटे की तरह अपने पिता के कंधे से कन्धा मिलकर उनकी मदद कर सकूं। इसके साथ ही जो लोग मेरे माता-पिता को ताने देते थे। उन्हें भी एक काबिल बेटी बनकर जवाब दे सकू। क्योंकि बेटी होना कोई गुनाह नहीं है।मेघा चौधरी भविष्य में डॉक्टर बनने के लिए 11th क्लास से ही नीट की तैयारी शुरू करेगी।मेघा चौधरी भविष्य में डॉक्टर बनने के लिए 11th क्लास से ही नीट की तैयारी शुरू करेगी।एग्जाम से पहले डिप्रेशन में चली गई थी, अब किया टॉप10वीं में 97.83% अंक हासिल करने वाली जयपुर की मेघा चौधरी एग्जाम से ठीक पहले डिप्रेशन में चली गई थी। इसके बाद उन्होंने अपने पेरेंट्स और टीचर्स के गाइडेंस के बाद फिर से तैयारी की और टॉप किया। भास्कर से बातचीत में मेघा ने बताया कि हाफ इयरली एग्जाम के दौरान मुझे कुछ कांसेप्ट क्लियर नहीं थे। खास तौर पर एसएसटी में मेरी तैयारी बिल्कुल भी अच्छी नहीं थी। जिसकी वजह से मैं डिप्रेशन में चली गई।जिसका सीधा असर मेरी तैयारी पर नजर आने लगा। मैं चाह कर भी पढ़ाई नहीं कर पा रही थी। तब मेरे नंबर भी काफी कम आए। जिसके बाद में और ज्यादा डिप्रेशन में चली गई। लेकिन तब मुझे पेरेंट्स और टीचर्स ने गाइड और मोटिवेट किया। उन्होंने मुझ पर विश्वाश जताया। जिसके बाद मैने खुद को संभल फिर से धीरे-धीरे तैयारी शुरू की। फिर मैने सब्जेक्ट बेस स्टडी शुरू की। जिसमे मैने प्रॉब्लम की जगह सॉल्यूशन पर फोकस किया। उसी का रिजल्ट है कि हाफ इयरली एग्जाम में जिन सब्जेक्ट्स में मेरे मार्क्स अचे नहीं आय थे। उन सब में मैने टॉप किया है और मेरी मेरी 97.83% बनी है। अब मैं फ्यूचर में डॉक्टर बनना चाहती हूं। ताकि जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकूं। इसी में मुझे दिल से खुशी मिलेगी।अक्षय प्रताप सिंह शेखावत 11th क्लास में साइंस मैथ्स लेकर IIT की तैयारी करना चाहते हैं
अक्षय प्रताप सिंह शेखावत 11th क्लास में साइंस मैथ्स लेकर IIT की तैयारी करना चाहते हैं
पापा वर्कर है, उनके सपनो को पूरा करना मेरा सपना
जयपुर के अक्षय प्रताप सिंह शेखावत ने 10th में 97.33% मार्क्स हासिल किए हैं। भास्कर से बातचीत में अक्षय ने बताया कि मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। मेरे पिताजी एक सामान्य मजदूर है। लेकिन फिर भी उन्होंने मुझे पढ़ने में कोई कमी नहीं रखी। इसलिए अब मैं चाहता हूं कि अच्छे से पढ़ लिखकर IIT की तैयारी करूं। देश के एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेकर एक अच्छा इंजीनियर बन सकूं। ताकि मैं अपने पिता के अधूरे सपनों को पूरा करूं। अक्षय ने बताया कि मेरे पापा भी स्कूल टाइम में टॉपर रह चुके हैं। लेकिन पारिवारिक स्थिति की वजह से वह ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाए। लेकिन मैं अब चाहता हूँ कि इतना पढ़लिख कर अच्छा काम कर सकू। ताकि मेरे पिता को काम करने कि जरुरत ही ना पड़े।
देवराज गुर्जर फ्यूचर में बैचलर आफ डेंटल सर्जरी करना चाहते हैं।मोबाइल पर रील्स देख किया टॉप, अब बनना चाहता है डॉक्टरजयपुर के देवराज गुर्जर ने 10th में 96.50% अंक हासिल किए हैं। वह भविष्य में डॉक्टर बनना चाहते हैं। देवराज ने बताया कि उन्होंने स्टार्टिंग से ही रेगुलर स्टडीज पर फोकस किया था। जिसके लिए मैं हर दिन चार से पांच घंटे तक पढ़ता था। वहीं मैने पढ़ाई को कभी बोझ नहीं समझा बल्कि, पढ़ने के साथ खेलने के लिए भी पूरा वक्त निकाला। पढ़ाई के दौरान जब कभी मूड खराब होता। तो यूट्यूब पर फनी रील्स देखा करता था। ताकि खुद को स्ट्रेस फ्री रख सकूं।
