


चूरू। पीडीयू मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध गवर्नमेंट डीबी अस्पताल में अब रोगियों को एएलएस (ऑटो लाइफ सपोर्ट सिस्टम) एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिलेगी। कॉलेज और अस्पताल प्रशासन ने एएलएस को वापस 108 एंबुलेंस की कंपनी को सौंप दी है। इससे अस्पताल में आने वाले गंभीर रोगियों को अपने इलाज के लिए निजी एंबुलेंस से हायर सेंटर जाना पड़ेगा, जिससे निजी एंबुलेंस संचालकों की अब चांदी हो गई है। एएलएस एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिलने से रोगियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मगर कॉलेज और अस्पताल प्रशासन को इस बात से कोई मतलब नहीं है। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में आने वाले गंभीर रोगियों के परिजन आए दिन एएलएस एम्बुलेंस की बात को लेकर स्टाफ से उलझते रहते हैं, जिससे स्टाफ को कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में अस्पताल सुप्रीडेंट डॉ. हनुमान जयपाल ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश की सभी एएलएस एम्बुलेंस को वापिस 108 एम्बुलेंस की कंपनी को वापिस मंगवा ली है। प्रदेश से 44 एएलएस को वापस मंगवाया गया है, जबकि चूरू जिले की ओर से सबसे अंत में सौंपी गई है।
निजी एम्बुलेंस संचालकों की होगी मनमानी
गवर्नमेंट डीबी अस्पताल में पहले इमरजेंसी वार्ड में आने वाले गंभीर रोगियों को एएलएस एम्बुलेंस के द्वारा जयपुर और बीकानेर रेफर किया जाता था। इस एम्बुलेंस में वेंटीलेटर, सेक्शन मशीन, ऑक्सीजन, बीपी मॉनिटर, डी फाइब्रीलेटर सहित अनेक सुविधा थी, जो गंभीर रोगियों के लिए काफी हद तक राहत पहुंचाते थे। मगर अब रोगियों को यह सुविधा नहीं मिल पाएगी, जबकि अस्पताल में लगने वाली निजी एम्बुलेंस यह सुविधा नहीं होने से रोगियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
निजी एम्बुलेंस संचालकों की होगी मनमानी
गवर्नमेंट डीबी अस्पताल में पहले इमरजेंसी वार्ड में आने वाले गंभीर रोगियों को एएलएस एम्बुलेंस के द्वारा जयपुर और बीकानेर रेफर किया जाता था। इस एम्बुलेंस में वेंटीलेटर, सेक्शन मशीन, ऑक्सीजन, बीपी मॉनिटर, डी फाइब्रीलेटर सहित अनेक सुविधा थी, जो गंभीर रोगियों के लिए काफी हद तक राहत पहुंचाते थे। मगर अब रोगियों को यह सुविधा नहीं मिल पाएगी, जबकि अस्पताल में लगने वाली निजी एम्बुलेंस यह सुविधा नहीं होने से रोगियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।