राजस्थान बोर्ड ने बदला परीक्षा पैटर्न, अब CBSE की तर्ज पर तैयार होंगे प्रश्न पत्र
अजमेर। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने बड़ा शैक्षणिक बदलाव करते हुए बोर्ड परीक्षाओं का पैटर्न बदलने का निर्णय लिया है।
अब राजस्थान बोर्ड के प्रश्न-पत्र CBSE पैटर्न के आधार पर तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही साल 2026-27 से विद्यार्थियों को एक ही सत्र में दो बार परीक्षा देने का अवसर मिलेगा।
नई व्यवस्था राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लागू की जा रही है।
राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक, बोर्ड की परीक्षाएं अब फरवरी-मार्च और मई महीने में आयोजित होंगी।
पहली परीक्षा अनिवार्य, दूसरी में सुधार या पूरक का अवसर
साल 2027 से बोर्ड की पहली परीक्षा फरवरी-मार्च में आयोजित होगी, जिसमें सभी विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
इस परीक्षा का रिजल्ट अप्रैल में जारी किया जाएगा। इसके बाद मई महीने में दूसरी परीक्षा आयोजित की जाएगी।
दूसरी परीक्षा में वे विद्यार्थी शामिल हो सकेंगे जो –
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पहली परीक्षा में अनुत्तीर्ण (फेल) रहे,
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सप्लीमेंट्री (पूरक) के लिए पात्र हों, या
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परीक्षा में अनुपस्थित (अपसेंट) रहे हों।
साथ ही, पहली परीक्षा में पास विद्यार्थी चाहें तो दूसरी परीक्षा में अपने अंकों में सुधार करने के लिए दोबारा शामिल हो सकेंगे।
दोनों परीक्षाओं में प्राप्त अंकों में से बेहतर अंक को अंतिम परिणाम में मान्यता दी जाएगी।
परीक्षा शुल्क और सत्रांक योजना यथावत रहेगी
राजस्थान बोर्ड के अनुसार, दूसरी परीक्षा में भी मुख्य परीक्षा जितना ही शुल्क देना होगा।
वहीं, 10वीं और 12वीं कक्षा के सभी विषयों के लिए लागू सत्रांक योजना (Internal Assessment System) में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
परीक्षा पैटर्न में बड़ा बदलाव: केस-बेस्ड और विश्लेषणात्मक प्रश्न शामिल
नई नीति के तहत अब राजस्थान बोर्ड के प्रश्न-पत्रों में केवल रटने वाले सवाल नहीं होंगे।
CBSE पैटर्न की तरह अब प्रश्न-पत्रों में
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केस-बेस्ड (Case-Based),
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स्रोत/गद्यांश आधारित (Source/Passage-Based),
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चित्र और मानचित्र विश्लेषण आधारित प्रश्न शामिल होंगे।
इसके अलावा, बहुविकल्पीय (MCQ) और लघुत्तर प्रश्नों की संख्या घटाई जाएगी, जबकि 4-5 अंकों के तीन नए प्रश्न आंतरिक विकल्प के साथ जोड़े जाएंगे।
शिक्षकों को दी जाएगी विशेष ट्रेनिंग
राजस्थान बोर्ड ने यह भी निर्णय लिया है कि प्रश्न-पत्र निर्माण और मूल्यांकन में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए टीचर्स को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।
ट्रेनिंग में केस-बेस्ड सवालों के मूल्यांकन, प्रश्न निर्माण और नई शिक्षा नीति की समझ पर जोर दिया जाएगा।
इसके लिए राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल (RSOS) और RSCERT के साथ मिलकर एक प्रश्न बैंक (Question Bank) भी तैयार करवाया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को नई परीक्षा पद्धति से परिचित कराया जा सके।
विशेष छूट भी रहेगी लागू
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि CWSN (दिव्यांग विद्यार्थी) और राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्र यदि पहली परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते हैं, तो उन्हें सीधे दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी।
पिछली बैठक में हुआ था फैसला
यह निर्णय 16 अक्टूबर 2024 को जयपुर में हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया था, जिसकी अध्यक्षता शिक्षा सचिव ने की थी।
बैठक में तत्कालीन बोर्ड सचिव कैलाश चंद्र शर्मा, ओएसडी नीतू यादव, एफए रश्मि बिस्सा, और निदेशक दर्शना शर्मा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
इसके बाद शासन उप सचिव राजेश दत्त माथुर ने इस संबंध में औपचारिक आदेश जारी किए।
विद्यार्थियों को मिलेगा तुरंत सुधार का मौका
इस नई व्यवस्था से करीब 20 लाख विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।
जो छात्र एक परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते, वे अगले ही महीने अपनी गलतियों को सुधारने का अवसर पा सकेंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम राजस्थान के शिक्षा ढांचे में सकारात्मक सुधार लाएगा और विद्यार्थियों में अकादमिक तनाव भी घटेगा।
