श्रीडूंगरगढ़ (बीकानेर):
राजस्थान के श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के ऊपनी गांव ने एक सराहनीय सामाजिक पहल करते हुए मृत्युभोज और डीजे संस्कृति पर सामूहिक रूप से रोक लगाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय हाल ही में आयोजित एक ग्राम सभा में लिया गया, जिसमें गांव के सभी प्रमुख लोग, बुजुर्ग, समाजसेवी और युवाओं ने एकमत होकर भाग लिया।
ग्राम सभा में लिया गया ऐतिहासिक फैसला
बैठक के दौरान ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से तय किया कि अब गांव में किसी भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद मृत्युभोज का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही, विवाह समारोहों और अन्य सामाजिक आयोजनों में डीजे बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
ग्राम सभा ने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति इस निर्णय की अवहेलना करेगा, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना और अनावश्यक खर्चों को रोकना है।
सामाजिक सुधार की दिशा में बड़ा कदम
ग्रामीणों का कहना है कि मृत्युभोज जैसी परंपराओं से परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। कई बार गरीब परिवार दिखावे के चलते कर्ज में डूब जाते हैं। वहीं, शादी समारोहों में डीजे बजाने से अक्सर विवाद और झगड़े होते हैं। इन दोनों पर रोक लगाने से गांव में शांति, सादगी और आपसी भाईचारा बढ़ेगा।
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ग्रामीणों की एकजुटता बनी प्रेरणा
गांव के वरिष्ठ नागरिकों ने कहा कि यह निर्णय नई पीढ़ी को सकारात्मक दिशा देने वाला है। उन्होंने बताया कि इस फैसले से सामाजिक समानता को भी बल मिलेगा और परंपरागत मूल्यों का संरक्षण होगा।
अन्य गांवों के लिए उदाहरण
ऊपनी गांव का यह निर्णय अब आसपास के गांवों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि ऐसी सामाजिक एकता और समझदारी से पूरे क्षेत्र में सामाजिक सुधार की नई शुरुआत की जा सकती है।
