

बीकानेर। मानसून के बाद शहर में कई पुराने और जर्जर मकान हादसे का कारण बन सकते हैं। पूर्व में हुई घटनाओं के बावजूद नगर निगम ने केवल औपचारिकता निभाते हुए मकान मालिकों को नोटिस जारी किए, लेकिन इन पर अमल नहीं हो सका। मकान आज भी खतरनाक हालत में खड़े हैं और गिरने की कगार पर हैं।
रविवार को एमएम स्कूल की एक दीवार ढह गई। सौभाग्य से रविवार का अवकाश होने के कारण कोई हताहत नहीं हुआ। इसी तरह, नयाशहर के डॉ. धनपत राय मार्ग स्थित नरसिंह भवन के सामने एक पुरानी कोटड़ी की दीवार गिर गई, लेकिन घटना के समय आसपास कोई मौजूद नहीं था, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
नगर निगम ने अब तक इन नोटिसों का फॉलोअप नहीं लिया और न ही जमीनी कार्रवाई की गई है। जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन की लापरवाही साफ झलक रही है।

हालांकि पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास ने सरकारी स्कूलों के सर्वे के निर्देश दिए हैं, लेकिन शहर में मौजूद अनेक जर्जर मकानों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो ये मकान किसी बड़े हादसे की वजह बन सकते हैं।
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गौरतलब है कि हाल ही में झालावाड़ में एक जर्जर स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत और करीब 30 घायल हो गए थे। इस घटना के बाद सरकार ने भले ही गंभीर रुख अपनाया हो, लेकिन बीकानेर में स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है।