

बीकानेर में खेजड़ी के पेड़ों की अवैध कटाई जारी, सोलर प्लांट के लिए पेड़ काटे
राज्य वृक्ष खेजड़ी की कटाई पर सख्त निर्देशों और चेतावनियों के बावजूद बीकानेर संभाग में इसकी अवैध कटाई का सिलसिला नहीं रुक रहा है। ताजा मामला छतरगढ़ क्षेत्र के तीन डब्ल्युएम चक की रोही से सामने आया है, जहां सोलर प्लांट लगाने के लिए दिनदहाड़े खेजड़ी के पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई।
पर्यावरण प्रेमियों ने रोकी जेसीबी, बढ़ा तनाव
जैसे ही खेजड़ी की कटाई की सूचना वन्य व पर्यावरण प्रेमियों को मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचे। वहां मौजूद जेसीबी चालक ने भागने की कोशिश की, लेकिन वन प्रेमियों ने उसे घेरकर रोक लिया। इसके बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और जेसीबी को जब्त कर थाने ले गई।
प्रशासनिक अमला पहुंचा मौके पर, 10 से अधिक पेड़ काटे गए
जीव रक्षा संस्थान धारणियां ने इस अवैध कटाई की जानकारी छतरगढ़ के एसडीएम को दी। इसके बाद पटवारी और नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे। जांच में पाया गया कि मौके पर 10 से अधिक खेजड़ी के पेड़ काटे गए थे, जिनके अवशेष वहां पड़े मिले।
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धरना प्रदर्शन कर कार्रवाई की मांग
घटना के विरोध में जीव रक्षा संस्थान के जिलाध्यक्ष मोखराम धारणियां, तहसील अध्यक्ष देवीलाल बिश्नोई, उपाध्यक्ष महावीर बिश्नोई, सीताराम पूनिया, हनुमान बिश्नोई, शिवकुमार डेलू और देवीलाल छीपा सहित अन्य वन प्रेमियों ने धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने बिना अनुमति खेजड़ी के पेड़ काटने वाले खातेदारों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की।
एफआईआर दर्ज, पुलिस जांच में जुटी
धरना स्थल पर पहुंचे खाजूवाला सीओ अमरजीत चावला ने प्रदर्शनकारियों से बात कर उन्हें शांत करने का प्रयास किया, लेकिन वन प्रेमियों ने स्पष्ट कहा कि जब तक संबंधित खातेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा। इसके बाद जिलाध्यक्ष धारणियां ने खातेदार सोहनलाल बिश्नोई और राजकमल बिश्नोई पर खेजड़ी के पेड़ काटने, गालीगलौज करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में परिवाद दर्ज करवाया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सरकारी निर्देशों के बावजूद पेड़ों की कटाई, सवालों में प्रशासन
संभागीय आयुक्त के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद बार-बार हो रही अवैध कटाई से प्रशासनिक गंभीरता पर सवाल उठने लगे हैं। पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो राज्य वृक्ष खेजड़ी के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगेगा।