


2011 के एक सामूहिक बलात्कार मामले में मंगलवार को एडीजे कोर्ट ने तीन अभियुक्तों को 10-10 वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई है. यह फ़ैसला घटना के करीब 14 साल बाद आया है, जिससे पीड़िता को न्याय मिल सका.
मामला 6 अप्रैल 2011 का है, जब क्षेत्र के एक गाँव में 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को उसके घर के बाहर से अगवा कर तीन युवकों ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था. इस जघन्य अपराध के बाद 21 अप्रैल 2011 को मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 3 जून 2011 को आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, हालांकि वे 21 मार्च 2012 से ज़मानत पर रिहा थे.
मंगलवार को एडीजे कोर्ट की न्यायाधीश सरिता नौशाद ने इस मामले में फ़ैसला सुनाया. अपर लोक अभियोजक सोहननाथ सिद्ध ने पीड़िता के लिए न्याय की मांग करते हुए कोर्ट में बहस की. न्यायाधीश ने आरोपी संतोष, दाताराम और जवाहरसिंह को 10-10 वर्ष कारावास के साथ ही दस-दस हज़ार रुपये के अर्थदंड की सज़ा सुनाई.

सिद्ध ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ बलात्कार की धाराओं में दोष सिद्ध हुआ है. इस मामले में डॉक्टर और पीड़िता के परिजनों सहित कुल 14 गवाहों की गवाही हुई. परिवादी की ओर से एडवोकेट बाबूलाल दर्जी ने मामले की पैरवी की|