रिजल्ट खराब तो कार्रवाई, अच्छा रहा तो मिलेगा सम्मान: शिक्षकों को चेतावनी
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर के परिणामों के आधार पर इस बार राज्य के सरकारी स्कूल शिक्षकों पर शिक्षा विभाग सख्त रुख अपनाने जा रहा है। शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी सरकारी सैकंडरी और सीनियर सैकंडरी स्कूलों के शिक्षकों से उनके विषयों का बोर्ड परिणाम मांगा है। अगर किसी शिक्षक का परिणाम बेहद खराब पाया जाता है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी, वहीं उत्कृष्ट परिणाम देने वाले शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा।
रिजल्ट रिपोर्टिंग में लापरवाही पर भी कार्रवाई
माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने अधीनस्थ सभी स्कूलों के बोर्ड परीक्षा परिणामों को ‘शाला दर्पण’ पोर्टल पर अपलोड कराना सुनिश्चित करें। पूर्व में 6 जून अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी, जिसे अब बढ़ाकर 17 जून कर दिया गया है। यदि कोई शिक्षक जानबूझकर गलत परिणाम अपलोड करता है, तो उस पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
तबादले और अनुशासनात्मक कार्रवाई का खतरा
जिन स्कूलों में छात्रों का प्रदर्शन खराब रहा है, वहां के प्रिंसिपल, टीचर और लेक्चरर के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। खराब परिणाम देने वाले शिक्षकों को 17 CCA (Conduct and Control Authority) के तहत नोटिस भेजा जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर तबादला भी किया जा सकता है।
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बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र
शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षकों का परिणाम पिछले तीन वर्षों से लगातार अच्छा रहा है, उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। यह प्रशस्ति पत्र उनके रिकॉर्ड में शामिल किया जाएगा, जिससे भविष्य में पदोन्नति व अन्य लाभों में उन्हें वरीयता मिल सके।
निष्कर्ष
इस कदम का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और शिक्षकों को उनकी जवाबदेही का एहसास कराना है। विभाग का मानना है कि परिणामों के आधार पर पारदर्शिता के साथ कार्रवाई करने से शिक्षा व्यवस्था में सुधार आएगा।