


अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर से जुड़े अहम फैसले से पहले मंगलवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और निवेशकों की सतर्क भावना के बीच सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट देखी गई। आइए जानते हैं बाजार की ताजा स्थिति।
शुरुआती गिरावट का रुख
सुबह 9:58 बजे बीएसई सेंसेक्स 18.91 अंक गिरकर 78,782.12 पर कारोबार कर रहा था, जबकि एनएसई निफ्टी 13.25 अंकों की गिरावट के साथ 24,008.60 पर पहुंच गया।
विदेशी फंड की निकासी
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 4,329.79 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची, जिसके चलते बाजार पर दबाव बना रहा। निवेशकों का मानना है कि विदेशी निवेशकों की यह निकासी आगामी अमेरिकी चुनाव और ब्याज दरों को लेकर चिंताओं का संकेत है।
प्रमुख स्टॉक्स का प्रदर्शन
सेंसेक्स के 30 में से अदाणी पोर्ट्स, आईटीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, पावर ग्रिड और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसे प्रमुख स्टॉक्स में गिरावट देखी गई, जबकि जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, मारुति और सन फार्मा के शेयर लाभ में रहे।
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रुपये में गिरावट
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में उथल-पुथल के बीच रुपया दो पैसे की गिरावट के साथ अपने अब तक के सबसे निचले स्तर 84.13 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया, जिससे आयात महंगा हो सकता है और महंगाई बढ़ने की संभावना है।
एशियाई बाजारों का मिला-जुला रुख
एशियाई बाजारों में मिश्रित संकेत देखे गए। टोकियो, शंघाई और हांगकांग के बाजारों में सकारात्मक रुख रहा जबकि सियोल में गिरावट रही। सोमवार को अमेरिकी बाजार भी गिरावट के साथ बंद हुए।

विशेषज्ञों की राय
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे का कहना है कि “अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की प्रतिस्पर्धा को देखते हुए वैश्विक स्तर पर अस्थिरता का माहौल है।” इसी तरह रिलायंस सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख विकास जैन का भी मानना है कि फेडरल रिजर्व की ब्याज दर की घोषणा तक बाजार में सावधानी बरतनी होगी।
पिछले दिन का बाजार प्रदर्शन
सोमवार को बीएसई का सूचकांक 941.88 अंक या 1.18 प्रतिशत गिरकर 78,782.24 पर बंद हुआ, जो 6 अगस्त के बाद का सबसे निचला स्तर है। निफ्टी भी 309 अंक या 1.27 प्रतिशत गिरकर 23,995.35 पर बंद हुआ।
तेल की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.12 प्रतिशत बढ़कर 75.17 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जिससे वैश्विक बाजारों में तेल की आपूर्ति और मांग के बीच संतुलन बना हुआ है।
बाजार में यह उतार-चढ़ाव अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है, क्योंकि निवेशक आगामी अमेरिकी चुनाव और फेडरल रिजर्व की ब्याज दर से जुड़े फैसलों का इंतजार कर रहे हैं।