


राजस्थान पीटीआई भर्ती परीक्षा 2022 में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने 1200 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच शुरू की, जिसमें से 321 अभ्यर्थियों के दस्तावेज फर्जी पाए गए। पिछले पांच साल में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में लगातार फर्जीवाड़े के मामले उजागर होते रहे हैं। एसआई, राजस्व अधिकारी ग्रेड-द्वितीय, और अधिशासी अधिकारी वर्ग-फॉर्थ प्रतियोगी परीक्षाओं के बाद अब पीटीआई भर्ती में भी फर्जीवाड़ा सामने आया है।
इस भर्ती में, बोर्ड और एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) दोनों मिलकर 1200 अभ्यर्थियों की जांच कर रहे हैं। 321 अभ्यर्थियों के दस्तावेज फर्जी पाए गए, और अब इनकी सूची एसओजी को सौंपी जाएगी। ये अभ्यर्थी भर्ती परीक्षाओं से डिबार किए जाएंगे। दस्तावेजों की जांच अभी भी जारी है, और फर्जीवाड़े में शामिल अभ्यर्थियों की संख्या 400 से अधिक होने की संभावना है।
बोर्ड द्वारा 1200 अभ्यर्थियों को दस्तावेजों की पुष्टि के लिए सात दिन का समय दिया गया था, लेकिन केवल 50 अभ्यर्थियों ने ही उत्तर प्रस्तुत किया, जो संतोषजनक नहीं था। कुछ अभ्यर्थियों ने अन्य राज्यों से फर्जी डिग्रियां बनवाईं, जिनकी पुष्टि के लिए बोर्ड ने संबंधित विश्वविद्यालयों से दस्तावेजों की जांच की है।

इस फर्जीवाड़े में कई अभ्यर्थियों के दूसरे राज्यों जैसे यूपी और चूरू की यूनिवर्सिटीज से 2019 की फर्जी डिग्रियां प्रस्तुत की गईं। चयन बोर्ड ने पहले 300 अभ्यर्थियों के परिणामों पर रोक लगाई थी, क्योंकि उनकी डिग्रियों में अनियमितताएं पाई गई थीं। इन अभ्यर्थियों के कनेक्शन पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण से भी मिले थे, जो फर्जी डिग्रियां और खेल प्रमाणपत्र उपलब्ध करवा रहा था।
- Advertisement -
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन आलोक राज ने कहा कि फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद 321 अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, और जांच के बाद संख्या और बढ़ सकती है। वहीं, एसओजी के डीआईजी परिस देशमुख ने कहा कि संबंधित विश्वविद्यालयों से जानकारी मांगी जा रही है, ताकि फर्जी डिग्री और नकल के मामलों की पुष्टि की जा सके।