बीकानेर। बीकानेर में आईजीएनपी कॉलोनी की 200 करोड़ रुपए से ज्यादा की 20.59 हेक्टेयर जमीन गुपचुप तरीके से बेचने की तैयारी कर ली गई है। न इसकी जानकारी सरकारी वेबसाइट पर डाली गई न अखबारों में गजट किया गया। कोलकाता की कंपनी ने आक्शन अपलोड भी कर दिया।
जल संसाधन विभाग ने आईजीएनपी की अनुपयोगी जमीनों को बेचने और उससे मिलने वाली आय को राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट में लगाने का निर्णय लिया था। बीकानेर में नेशनल हाईवे 15 से लगती आईजीएनपी की 20.59 हेक्टेयर जमीन भी चिन्हित की गई।
ईआरसीपी गुपचुप तरीके से इस जमीन को बेचने के प्रयास में है। इसके लिए प्रदेश से बाहर की कंपनी एमएसटीसी को जिम्मा सौंपा गया है जिसका मुख्यालय कोलकाता में है। बीकानेर की जमीन और बीकानेर के लोगों से िछपाकर कंपनी ने अपने पोर्टल पर ऑक्शन प्रक्रिया शुरू कर दी हैं जिसमें 25 सितंबर तक रजिस्ट्रेशन होंगे और 29 को बोली लगेगी।
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ईआरसीपी ने ये सब इतना गुपचुप तरीके से किया गया है कि आईजीएनपी अधिकारी-कर्मचारियों को भी पता नहीं चला। जमीन को अविकसित मानकर डीएलसी दरों के मुताबिक बेचा जा रहा है जिसके अनुसार अनुमानित कीमत 150 करोड़ मानी गई है। जमीन पर कॉलोनी बसी है और पानी, बिजली, सडक़ें, सीवर लाइन सभी मूलभूत सुविधाएं मौजूद हैं। िनकट की जमानों से तुलना करें तो जमीन की कीमत 300 करोड़ तक पहुंच सकती है। गौरतलब है कि आईजीएनपी की बीछवाल के खसरा नंबर 202/194 में 15 हेक्टेयर और खसरा नंबर 204/75 में 5.59 हेक्टेयर जमीन का 26 मई, 23 को यूआईटी के पक्ष में नामांतरण कर दिया गया था।
8जमीन की कीमत डीएलसी दरों से 150 करोड़ रुपए आंकी गई जो वास्तविक कीमत से बहुत कम है।8जमीन खरीदने वाले 29 सितंबर को लगाएंगे बोली।8जमीन अविकसित मानकर की जा रही है बोली, जबकि वहां सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं।8आईजीएनपी ने यूआईटी के पक्ष में कर दिया था जमीन का नामांतरण।
ऑक्शन का जिम्मा बाहर की कंपनी को क्यों ?
राज्य से बाहर बंगाल के कोलकाता में मुख्यालय वाली कंपनी को जमीन बेचने का जिम्मा देने पर सवाल खड़े हो गए हैं। जानकारों के मुताबिक राज्य सरकार ने अपनी वेबसाइट बना रखी है जिस पर ऑक्शन की जानकारी अपलोड की जाती है। लेकिन, इस मामले में सरकार ने बेवसाइट पर कोई जानकारी नहीं दी। इसके अलावा सरकार ने खरीद-बेचने के लिए एसपीपीपी पोर्टल बना रखा है जहां भी जमीन ऑक्शन के बारे में नहीं डाला गया। इससे प्रदेश में किसी को पता ही नहीं चल पाएगा कि बीकानेर में जमीन ऑक्शन की जा रही है। इससे सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा हो गया है कि कहीं जानबूझकर किसी को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से तो ऑक्शन प्रक्रिया को गोपनीय नहीं रखा गया है।

