


नागौर। नागौर में लंपी बीमारी से हडक़ंप मचा है। यहां महावीर गोशाला की 100 गायें लंपी की चपेट में हैं। हर रोज औसतन 3 गायों की मौत हो रही है। सोमवार को गोशाला से जुड़ा प्रतिनिधि मंडल जिलाधीश से मिला और इलाज के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई।
लंपी पशुओं में स्किन संबंधी वायरल बीमारी है। इसमें त्वचा पर सैकडों गांठें उभर आती हैं। पशु बीमार हो जाता है और उसकी मौत हो जाती है। अभी तक इस बीमारी की वैक्सीन नहीं है। दुधारू पशुओं के चपेट में आने से पशुपालकों में डर व चिंता का माहौल है।
हवा के साथ और पशुओं के आपस में संपर्क में आने से यह बीमारी प्रदेश के कई इलाकों में फैल चुकी है। नागौर की महावीर गोशाला की 100 से ज्यादा गायें बीमारी की चपेट में हैं।पशुपालन विभाग की टीमें इस बीमारी से संक्रमित पशुओं का सर्वे और उपचार करने में जुटी हैं। महावीर गोशाला के संचालक निजी तौर पर भी गायों का उपचार करवा रहे हैं।
जिले में लंपी बीमारी को लेकर 53,233 पशुओं के सर्वे किया जा चुका है। इनमें से 3 हजार 475 पशु लंपी से संक्रमित मिले हैं। जिलेभर में इस बीमारी से 100 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। यह बीमारी नागौर जिले के नागौर सिटी, मेड़ता, मूंडवा, जायल, रियां, भैरुंदा, खींवसर, डेगाना के इलाकों में फैल चुकी है।
गोशाला संचालक किशनलाल लोहिया ने बताया कि 5 आदमी जिलाधीश से मिलने आए हैं। ये बीमारी खतरनाक है। गायें मर रही हैं। इलाज की उचित व्यवस्था के लिए प्रशासन से गुहार लगाई है। मरने वाली गायों को दफनाने की व्यवस्था के लिए भी मदद मांगी है। महावीर गोशाला में गायों को संक्रमण से बचाने के लिए पानी की अलग से व्यवस्था की गई है।
क्या हैं बीमारी के लक्षण
पशु रोग विशेषज्ञों के मुताबिक यह पशुओं में त्वचा संबंधी संक्रामक रोग है। मवेशियों के नाक एवं आंख से पानी निकलने लगता है। पैरों में सूजन आ जाती है, जिससे पैर फूल जाते हैं। गाय सूजन के कारण 10 दिनों तक बैठ नहीं पाती। वायरस की चपेट में आने पशुओं को तेज बुखार आता है। त्वचा पर मोटी सैकडों गांठें हो जाती है। सिर और गर्दन के हिस्सों में दर्द रहता है।
