


जयपुर। सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से मानहानि का दावा करने के बाद दोनों तरफ तल्खी और बढ़ गई है। गहलोत ने संजीवनी घोटाले को लेकर ट्वीट वॉर शुरू कर दिया है। सीएम ने शेखावत के खिलाफ संजीवनी पीडि़तों के आरोपों के कई ट्वीट किए हैं। पीडि़तों के वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा- संजीवनी घोटाले के बेईमानी के पूरे ताने-बाने को पीडि़तों की आपबीती बता रही है। सरकार इस घोटाले में शामिल हर शख्स को जेल पहुंचाएगी।
गहलोत ने एक अन्य ट्वीट में लिखा- नफा और राहत के नाम पर लोगों की मजबूरियों का फायदा उठाकर संजीवनी में खेला गया धोखाधड़ी का खेल परत-दर-परत सामने आ रहा है। लोगों के गम को मरहम लगाने के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी।
घोटाले ने बेईमानी का ऐसा तंत्र विकसित किया कि न सिर्फ निवेशक बल्कि एजेंट्स को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जनधन की लूट के समूचे तंत्र के सूत्रधार और हर सहयोगी को प्रदेश सरकार उके सही अंजाम तक पहुंचाएगी। न्याय की इस लड़ाई में हर कदम पर प्रदेश सरकार पीडि़तों के साथ रहेगी। बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जयपुर आवास पर संजीवनी क्रेडिट सोसायटी घोटाले पर पीडि़तों से बातचीत की। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि सरकार इस घोटाले में शामिल हर शख्स को जेल पहुंचाएगी।बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने जयपुर आवास पर संजीवनी क्रेडिट सोसायटी घोटाले पर पीडि़तों से बातचीत की। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि सरकार इस घोटाले में शामिल हर शख्स को जेल पहुंचाएगी।दर-दर की ठोकर खा रहे हैं पीडि़त गहलोत ने लिखा- हमारे किसान भाई सर्दी-गर्मी में दिन रात मेहनत करके पैसा कमाते हैं। अपनी जरूरतों के लिए उन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई संजीवनी में लगाई, लेकिन धोखाधड़ी के चलते आज वे दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। हम इन अन्नदाताओं को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एजेंट्स बोले- दिन-रात मिल रहीं धमकियां
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सीएम के बंगले पर होली से एक दिन पहले संजीवनी घोटाले के पीडि़तों ने मुलाकात की थी। गहलोत के सामने एक एजेंट ने कहा- ‘बेरोजगार होने की वजह से किसी ने सोयायटी में लगवा दिया। घर के पैसे भी संजीवनी में लगा दिए। 80+ की मां हैं, रोज पूछती है, पैसे कब आएंगे। रात दिन लोग मुझे धमकी देते हैं।’
एजेंट ने कहा- मैंने दो करोड़ निवेश किए, 3 करोड़ लोगों से करवाए

गहलोत ने संजीवनी के एजेंट्स के वीडियो शेयर करते हुए लिखा- ये व्यथा हर उस एजेंट की है, जिसने संजीवनी के जिम्मेदारों पर विश्वास किया और अपने व्यवहार के भरोसे अन्य लोगों से भी निवेश कराया। आज न केवल उनका आत्मसम्मान चोटिल है, बल्कि वे भयभीत भी है। प्रदेश सरकार आपके निर्भय और सम्मानित जीवन के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
पीडि़तों ने कहा- शादी और बुढ़ापे के लिए पैसे बचाकर रखे थे, सब डूब गए
संजीवनी पीडि़त पारसमल जैन ने सीएम से कहा- मैं आपसे पांच बार मिल चुका हूं। मेरे संजीवनी में 2.5 करोड़ जमा है। मेरा बच्चा बीमार है, पैसा नहीं है, अब सरकार से ही उम्मीद है, मेरी सहायता कीजिए।
गहलोत ने इस पर कहा- जमापूंजी का इस तरह लूटा जाना किसी के परिवार के लिए भी वज्रपात जैसा होता है। हम आपके आंसू और दर्द को समझ सकते हैं।