कई बार अचानक वित्तीय समस्याएँ आने के कारण पर्सनल लोन की EMI भरना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या नौकरी छूटने, व्यवसाय में मंदी, या किसी मेडिकल इमरजेंसी जैसी परिस्थितियों के कारण उत्पन्न हो सकती है। ऐसे समय में सही कदम उठाना बेहद जरूरी है ताकि आप कर्ज के जाल में फंसने से बच सकें।
1. बैंक को तुरंत जानकारी दें
सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम है अपने बैंक या एनबीएफसी को स्थिति की जानकारी देना। आप ब्रांच जाकर या ईमेल/कस्टमर केयर के माध्यम से बैंक को अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति बता सकते हैं। बैंक से EMI में कुछ समय की राहत की मांग करें और स्पष्ट रूप से बताएं कि आप कितने समय तक भुगतान करने में असमर्थ हैं। अक्सर बैंक आपकी परिस्थितियों को देखकर अस्थायी राहत प्रदान कर सकते हैं।
2. बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प अपनाएँ
अगर आपका लोन उच्च ब्याज दर पर है और बाजार में कम ब्याज दर उपलब्ध है, तो बैलेंस ट्रांसफर एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें नया बैंक कम ब्याज दर पर लोन देगा, जिससे पुराना लोन चुकता किया जा सकेगा और आपकी EMI कम हो जाएगी। यदि नए लोन की राशि थोड़ी अधिक मिलती है, तो इसे तत्काल वित्तीय जरूरतों के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
3. लोन रीस्ट्रक्चर करवाएँ
अगर EMI नियमित रूप से चुकाना मुश्किल हो रहा है, तो आप बैंक से लोन रीस्ट्रक्चर करने का अनुरोध कर सकते हैं। इस प्रक्रिया में EMI कम हो जाती है लेकिन लोन की अवधि बढ़ जाती है। यह विकल्प उन लोगों के लिए उपयुक्त है, जिन्हें अस्थायी रूप से नकदी प्रवाह की समस्या है और भविष्य में EMI नियमित रूप से चुकता करने में सक्षम होंगे।
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4. वन-टाइम सेटलमेंट का विकल्प
अगर EMI चुकाना लगभग असंभव हो और बैंक द्वारा दी गई राहत भी कारगर नहीं साबित हो रही, तो One-Time Settlement (OTS) एक विकल्प हो सकता है। इसमें बैंक आपके बकाया लोन का केवल 10% से 50% राशि एकमुश्त भुगतान लेने के बाद बाकी राशि माफ कर देता है। यह विकल्प तब उपयोगी होता है जब आप अपनी वित्तीय स्थिति को स्थिर करना चाहते हैं और कर्ज से बाहर निकलना प्राथमिकता है।
