SBI कार्ड होल्डर्स को निशाना बनाने वाला बड़ा साइबर गिरोह पकड़ा गया, 18 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) यूनिट ने एक संगठित साइबर अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के क्रेडिट कार्ड धारकों को निशाना बनाकर अब तक 2.60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर चुका था। इस गिरोह के 18 सदस्यों को दिल्ली के ककरोला और उत्तम नगर इलाकों से गिरफ्तार किया गया है।
गिरोह का संचालन और ठगी का तरीका
पुलिस जांच के अनुसार, इस गिरोह ने अवैध कॉल सेंटरों के जरिये देशभर में फैले SBI क्रेडिट कार्ड धारकों को कॉल कर खुद को बैंक कर्मचारी बताया। ‘वन टाइम परमिशन’ या ‘कस्टमर वैल्यू वेरिफिकेशन कोड’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर लोगों से उनके कार्ड का OTP, CVV और अन्य संवेदनशील जानकारी हासिल की जाती थी। इसके बाद धोखाधड़ी से प्राप्त जानकारियों के माध्यम से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर महंगे इलेक्ट्रॉनिक गिफ्ट कार्ड और घरेलू हवाई टिकट खरीदे जाते थे।
डेटा चोरी से लेकर क्रिप्टो लेन-देन तक
गिरोह के पास पहले से ग्राहकों के नाम, मोबाइल नंबर और कार्ड से जुड़ी जानकारी मौजूद थी, जो अवैध डेटा स्रोतों से जुटाई गई थी। खरीदे गए गिफ्ट कार्ड्स को बाद में ट्रैवल एजेंटों और अन्य बिचौलियों को बेचा जाता था। इसके बदले में गिरोह को नकद या क्रिप्टोकरेंसी (मुख्यतः USDT) में भुगतान मिलता था, जिससे पैसों का पता लगाना मुश्किल हो जाता था।
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दिल्ली के ग्राहक नहीं थे निशाने पर
दिलचस्प तथ्य यह है कि गिरोह ने खुद को पुलिस की नजरों से बचाने के लिए दिल्ली के SBI ग्राहकों को कॉल नहीं किया। इसका मकसद स्थानीय स्तर पर शिकायत और ट्रैकिंग से बचना था। पुलिस के अनुसार यह रणनीति गिरोह की साजिश को और पेचीदा बना देती है।
पुलिस का ऑपरेशन और सतर्कता की अपील
IFSO के डीसीपी हेमंत तिवारी ने बताया कि यह ऑपरेशन करीब छह महीने तक चला और इसमें सोशल इंजीनियरिंग, डेटा चोरी और संगठित नेटवर्क के इस्तेमाल के संकेत मिले। गिरफ्तार लोगों में मास्टरमाइंड, कॉल सेंटर संचालक, डेटा बेचने वाले, सिम कार्ड वितरक और ट्रैवल एजेंट शामिल हैं। सभी अवैध कॉल सेंटरों को सील कर दिया गया है और आगे की जांच जारी है।
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान कॉल या व्यक्ति को अपना OTP, कार्ड नंबर, CVV या कोई अन्य संवेदनशील जानकारी न दें। बैंक कभी भी इस तरह की जानकारी फोन पर नहीं मांगता।
निष्कर्ष
इस खुलासे से यह साफ हो गया है कि साइबर अपराधी लगातार नई तकनीकों और मनोवैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल कर लोगों को निशाना बना रहे हैं। सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है। SBI कार्डधारकों समेत सभी उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की आवश्यकता है।