


राजस्थान के जैसलमेर में पाकिस्तान के लिए चल रहे एक जासूसी नेटवर्क का बड़ा खुलासा हुआ है। सुरक्षा एजेंसियों ने भारत-पाक सीमा पर संदिग्ध गतिविधियों की जांच करते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो डीआरडीओ गेस्ट हाउस में मैनेजर के पद पर कार्यरत था।
गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान महेन्द्र सिंह के रूप में हुई है, जो जैसलमेर के चांधन गांव का रहने वाला है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि वह पोकरण फायरिंग रेंज और अन्य संवेदनशील सैन्य स्थलों से जुड़ी गोपनीय जानकारी सीमा पार पाकिस्तान भेज रहा था। सुरक्षा एजेंसियों को उसके मोबाइल फोन और ऑनलाइन चैट्स से कई अहम सबूत मिले हैं, जिनसे यह साबित होता है कि उसने जानबूझकर संवेदनशील सूचनाएं साझा कीं।
बताया जा रहा है कि महेन्द्र सिंह लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था। उसकी गतिविधियों पर महीनों से नजर रखी जा रही थी। अब उसकी गिरफ्तारी के बाद मिलिट्री इंटेलिजेंस और अन्य राष्ट्रीय एजेंसियां पूरे नेटवर्क की गहराई से जांच कर रही हैं।
यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि कुछ महीने पहले भी जैसलमेर से ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जिसमें राजस्थान सरकार के एक पूर्व मंत्री के निजी सहायक शकूर खां को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
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जांच में खुलासा हुआ था कि शकूर खां सीमावर्ती क्षेत्रों में आयोजित सरकारी बैठकों की आड़ में भारतीय सेना से जुड़ी रणनीतिक जानकारियां पाकिस्तान भेजता था। वह अब तक सात बार पाकिस्तान जा चुका था, और उसके रिश्तेदार सिंध प्रांत के रहीम यार खान, सक्खर और घोटकी जिलों में रहते हैं। उस पर हवाला और बैंक खातों के जरिए धन प्राप्त करने के भी गंभीर आरोप लगे थे।
लगातार सामने आ रहे इन मामलों ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में हर गतिविधि पर अब और कड़ी निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी भी संभावित खतरे को समय रहते रोका जा सके।