

धर्मांतरण की गिरफ़्त में आईं सगी बहनें, ब्रेनवॉश इतना गहरा कि मां-बाप भी बेबस
आगरा के सदर क्षेत्र निवासी एक कारोबारी परिवार की दो बेटियां एक धर्मांतरण गिरोह के संपर्क में आकर घर छोड़ चुकी थीं। पुलिस की मुस्तैदी से दोनों को वापस तो लाया गया, लेकिन ब्रेनवॉश का असर इतना गहरा है कि वे अब भी परिवार के साथ लौटने को तैयार नहीं हैं। सोमवार को दोनों की काउंसलिंग कराई गई, जिसमें उन्हें अच्छे-बुरे का फर्क समझाया गया, पर दोनों ने शर्त रख दी कि पहले गिरफ्तार सभी लोगों को छोड़ा जाए, तभी वे विचार करेंगी।
परिवार की आंखों में आंसू, लेकिन बेटियां अडिग
काउंसलिंग के दौरान माता-पिता भी मौजूद थे। जैसे ही उनकी बेटियों से मुलाकात हुई, माहौल भावुक हो गया। माता-पिता हर हाल में अपनी बेटियों को वापस लाना चाहते हैं। पुलिस और मनोवैज्ञानिकों की मदद से उन्हें समझाने की कोशिश की जा रही है। अधिकारियों का मानना है कि बेटियों में भावनात्मक जुड़ाव अब भी बाकी है और सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है।
पिता की अपील: बस बेटियां घर लौट आएं
पिता ने भावुक होकर कहा कि वह सिर्फ इतना चाहते हैं कि उनकी बेटियां फिर से उनके साथ रहें। उन्होंने स्वीकार किया कि बेटियों को सामान्य जीवन में लौटने में वक्त लगेगा, लेकिन उम्मीद नहीं छोड़ी है। चार साल से गिरोह के संपर्क में रहीं बेटियां अब धीरे-धीरे कट्टरपंथ से बाहर आ सकती हैं।
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छोटी बहन को बालिग होते ही फंसाया
बड़ी बहन करीब चार साल पहले गिरोह के संपर्क में आई थी। उसे कश्मीर भेजने की योजना थी लेकिन परिवार की सख्ती से वह नहीं जा पाई। इस दौरान उसने अपनी छोटी बहन को भी मानसिक रूप से तैयार किया। जब छोटी बहन जनवरी में बालिग हुई, तो दोनों घर छोड़कर चली गईं।
मुजाहिद बनने की थी तैयारी
छोटी बहन के सोशल मीडिया प्रोफाइल पर एके-47 के साथ तस्वीर मिली थी, जिससे पता चला कि वह कुछ अलग करना चाहती थी। उसने गोलियां चलाने की इच्छा जाहिर की थी, जिसके बाद बड़ी बहन ने उसे कट्टरपंथी विचारधारा की ओर मोड़ा। उसे विशेष ट्रेनिंग के नाम पर कश्मीर भेजने की योजना थी।

हरियाणा की युवती भी बरामद
दिल्ली से बरामद एक अन्य युवती, जो हरियाणा के रोहतक की रहने वाली है, को पुलिस ने आगरा लाया। उसके लापता होने की रिपोर्ट पहले से दर्ज थी। परिजन जब पुलिस के संपर्क में आए तो उन्हें सौंपने की प्रक्रिया शुरू हुई। हरियाणा पुलिस को भी इसकी सूचना दे दी गई है।
आरोपी बोले: अब लौटना चाहते हैं अपने धर्म में
गिरोह के 10 में से 6 सदस्य हिंदू मूल के हैं, जिन्होंने मुस्लिम नाम और पहचान अपनाई थी। गिरफ्तारी के बाद इन लोगों ने पुलिस को बताया कि वे अब हिंदू धर्म में वापसी करना चाहते हैं। उनके परिजन का भी कहना है कि बच्चों को बहकाया गया था। अब अगर वे लौटते हैं, तो वे उन्हें अपनाएंगे।
पुलिस की सख्ती, पूरे नेटवर्क की जांच
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि गिरोह की गतिविधियों की जांच की जा रही है। जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, उनके संबंध और नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। यह भी देखा जा रहा है कि किस तरीके से नाबालिगों को निशाना बनाया जाता था और उन्हें कट्टरपंथ की ओर धकेला जाता था।
यह घटना न सिर्फ धर्मांतरण गिरोह की खतरनाक सच्चाई उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक हथियारों का इस्तेमाल कर युवाओं को बहकाया जाता है। समाज, परिवार और प्रशासन को मिलकर ऐसे मामलों पर सतर्क और संवेदनशील रहना होगा।