

राजस्थान पुलिस अलर्ट: आपकी प्रोफाइल तस्वीर बन सकती है साइबर ठगी का जरिया
सोशल मीडिया पर ‘तस्वीर’ का इस्तेमाल कर रहे ठग, पैसे ऐंठने के नए तरीके पर पुलिस की चेतावनी
जयपुर। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आमजन को आगाह किया है कि अब साइबर अपराधी लोगों की सोशल मीडिया प्रोफाइल तस्वीरों का इस्तेमाल कर उन्हें ठगने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि ठग किसी अधिकारी, प्रतिष्ठित व्यक्ति या कंपनी प्रमुख की तस्वीर लगाकर नकली प्रोफाइल तैयार करते हैं और फिर लोगों से पैसों की मांग करते हैं।
कैसे करते हैं अपराधी ठगी?
साइबर क्राइम एसपी शांतनु कुमार सिंह के अनुसार, ये अपराधी स्वयं को कोई उच्च अधिकारी या उनके सहकर्मी बताते हैं। वे यह दावा करते हैं कि अधिकारी किसी जरूरी मीटिंग या आपात स्थिति में हैं और तुरंत पैसे की जरूरत है। इस बहाने से वे कर्मचारियों, जानकारों या आम नागरिकों को फोन या मैसेज भेजकर UPI के माध्यम से पैसे ट्रांसफर करवाने की कोशिश करते हैं।
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लोगों को कैसे फंसाते हैं?
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ठग प्रतिष्ठित व्यक्ति की तस्वीर और नाम का उपयोग कर भरोसे का माहौल बनाते हैं।
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वे इमरजेंसी, मेडिकल खर्च या सरकारी भुगतान जैसे बहाने बनाकर तुरंत पैसे की मांग करते हैं।
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लोग डर या जल्दबाजी में बिना पुष्टि किए पैसे ट्रांसफर कर देते हैं।
राजस्थान पुलिस की सावधानियां और सुझाव:
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किसी भी प्रोफाइल तस्वीर को पहचान का प्रमाण न मानें।
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अनजान नंबर से पैसे की मांग होने पर संबंधित व्यक्ति से सीधे संपर्क करें।
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मेडिकल या अन्य इमरजेंसी का हवाला देकर अगर पैसे मांगे जाएं, तो सतर्क रहें और जल्दबाजी में कोई फैसला न लें।
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अगर किसी तरह की ठगी का शिकार हो जाएं, तो तुरंत 1930 साइबर हेल्पलाइन नंबर या https://cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।
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स्थानीय साइबर पुलिस थाने या हेल्पडेस्क नंबर 9256001930 / 9257510100 पर संपर्क करें।
निष्कर्ष:
सोशल मीडिया पर केवल फोटो देखकर किसी पर भरोसा करना अब जोखिमभरा हो गया है। राजस्थान पुलिस ने अपील की है कि लोग जागरूक रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें, ताकि समय रहते अपराधियों को पकड़ा जा सके।