


नई दिल्ली।
पाकिस्तान द्वारा पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद फैलाए जा रहे झूठ को उजागर करने के लिए भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न देशों की यात्रा पर भेजने का निर्णय लिया है, जो दुनियाभर में पाकिस्तान की साजिशों को बेनकाब करेगा।
इस मिशन के तहत लगभग 30 सांसदों को 10 दिनों के लिए विदेश यात्रा पर भेजा जाएगा। ये सांसद अलग-अलग देशों में जाकर वहां की सरकारों, थिंक टैंक, मीडिया और जन प्रतिनिधियों से संवाद करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में भाजपा, कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, एनसीपी (एसपी), जेडीयू, बीजेडी, सीपीआई (एम) सहित अन्य दलों के सांसद शामिल होंगे।
पाकिस्तान फैला रहा झूठा नैरेटिव
पाकिस्तान, पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लगातार झूठ बोल रहा है। वह तथ्यों से हटकर एक झूठा नैरेटिव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। चीन और तुर्किये जैसे देशों के समर्थन से उसे कुछ बल मिला है, लेकिन भारत सरकार उसकी इन कोशिशों को कूटनीतिक तरीके से नाकाम करना चाहती है।
सांसदों की सूची लगभग तय
सूत्रों के अनुसार, भाजपा की ओर से अनुराग ठाकुर और अपराजिता सारंगी, कांग्रेस की ओर से शशि थरूर, मनीष तिवारी, सलमान खुर्शीद और अमर सिंह प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे।
इसके अतिरिक्त, टीएमसी से सुदीप बंदोपाध्याय, जेडीयू से संजय झा, बीजेडी से सस्मित पात्रा, एनसीपी (एसपी) से सुप्रिया सुले, डीएमके से के कनिमोझी, सीपीआई (एम) से जॉन ब्रिटास, और एआईएमआईएम से असदुद्दीन ओवैसी के नाम भी संभावित हैं।
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यात्रा 22-23 मई से संभावित
विदेश मंत्रालय सांसदों को उनके यात्रा से पूर्व पूरी जानकारी देगा। सांसदों को कहा गया है कि वे 22 या 23 मई से शुरू होने वाली 10 दिन की यात्रा के लिए तैयार रहें। इस यात्रा का उद्देश्य भारत की स्थिति को मजबूती से रखना और पाकिस्तान की झूठी बातों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाब देना है।
कांग्रेस ने किया समर्थन, पर सवाल भी उठाए
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस प्रतिनिधिमंडल को लेकर पार्टी अध्यक्ष से बात की है। उन्होंने सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर सर्वदलीय बैठक या संसद का विशेष सत्र बुलाने से इंकार कर दिया, जबकि कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि रखा है।
रमेश ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनेगी क्योंकि पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करती।