


बलूचिस्तान की आज़ादी की लड़ाई में ये नेता बन रहे बलूचों की ताकत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आंतरिक अस्थिरता और बलूचों के बढ़ते असंतोष के बीच बलूचिस्तान प्रांत में आज़ादी की मांग एक बार फिर ज़ोर पकड़ चुकी है। बलूच नेताओं ने पाकिस्तान से अलग होकर स्वतंत्र राष्ट्र ‘बलूचिस्तान गणराज्य’ की घोषणा कर दी है। बलूच नेता मीर यार बलूच ने 9 मई, 2025 को बलूचिस्तान की आज़ादी का ऐलान करते हुए खुद को इसका पहला राष्ट्रपति घोषित किया है। उन्होंने भारत सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन की मांग भी की है।
बलूच नेताओं का कहना है कि पाकिस्तान सरकार और सेना लंबे समय से उनके साथ भेदभाव कर रही है। उनके अनुसार, बलूच लोगों को जबरन लापता किया जाता है, उनकी हत्याएं की जाती हैं और उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है। इसको लेकर कई संगठन जैसे बलूच लिबरेशन आर्मी समय-समय पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों पर हमले भी करते रहे हैं।
बलूचिस्तान में कई नेता इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और आम जनता के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं:
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मीर यार बलूच
एक लेखक, मानवाधिकार कार्यकर्ता और स्वतंत्र पत्रकार के रूप में मीर यार बलूच ने 9 मई को बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की घोषणा की। उन्होंने बलूचिस्तान गणराज्य की स्थापना का ऐलान किया और खुद को इसका राष्ट्रपति घोषित किया। वे बलूच अधिकारों की आवाज़ लगातार बुलंद करते आ रहे हैं।

महरंग बलूच
महरंग बलूच, बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता और बलूच यकजेहती समिति की नेता हैं। वे अक्सर सार्वजनिक मंचों पर बलूचों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ बोलती हैं और बलूच युवाओं में आंदोलन के लिए जोश भरती हैं।
सम्मी दीन बलूच
सम्मी दीन बलूच युवा नेता हैं और बलूच यकजेहती समिति की एक प्रमुख आवाज़ हैं। वे बीते 15 वर्षों से बलूचों के अधिकारों के लिए लगातार काम कर रही हैं।
साहिबा बलूच
साहिबा बलूच भी बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं और बलूच यकजेहती समिति में नेतृत्व भूमिका निभाती रही हैं। वे बलूच स्टूडेंट्स एक्शन समिति की पूर्व अध्यक्ष रह चुकी हैं और बलूच युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
इन नेताओं की भूमिका ने बलूच आंदोलन को नई दिशा दी है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर बलूचिस्तान मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है।