


SEBI की चेतावनी: ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स से निवेशक रहें सतर्क, नहीं तो डूब सकता है पैसा
नई दिल्ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स को लेकर एक सख्त चेतावनी जारी की है। सेबी अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने निवेशकों से अपील की है कि वे इन प्लेटफॉर्म्स से दूर रहें, क्योंकि ये न तो सेबी के अंतर्गत आते हैं और न ही किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े होते हैं।
सेबी ने स्पष्ट किया कि यदि इन प्लेटफॉर्म्स पर किसी प्रकार का लेनदेन सिक्योरिटीज यानी शेयर जैसे निवेश उत्पादों की तरह किया जाता है, तो वह पूरी तरह अवैध माना जाएगा। इन प्लेटफॉर्म्स को न तो भारत में कानूनी मान्यता प्राप्त है और न ही इनके लिए कोई नियामक ढांचा मौजूद है।
क्या हैं ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स?
ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स वो ऑनलाइन मंच हैं जहां यूजर्स किसी संभावित घटना के घटने या न घटने पर पैसे लगाते हैं। उदाहरण के लिए, क्रिकेट मैच, चुनाव परिणाम या बिटकॉइन की कीमत पर ‘यस’ या ‘नो’ में दांव लगाया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया सट्टेबाजी के दायरे में आती है, लेकिन इन्हें ‘निवेश’ के रूप में पेश किया जा रहा है।
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इन प्लेटफॉर्म्स पर उपयोग होने वाले शब्द जैसे “प्रॉफिट”, “ट्रेड”, “स्टॉप लॉस” आदि लोगों को भ्रमित कर सकते हैं कि यह भी एक कानूनी निवेश का तरीका है। भारत में ऐसे प्लेटफॉर्म्स में प्रोबो, एमपीएल ओपिनियो, ट्रेडेक्स और ट्रैगो जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन प्लेटफॉर्म्स में अब तक लगभग 4,200 करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है और इनमें हर साल 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन होता है। इन प्लेटफॉर्म्स के यूजर्स की संख्या 5 करोड़ से अधिक बताई जा रही है।
एकसमान केवाईसी की तैयारी
सेबी अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने जानकारी दी कि अब सभी वित्तीय सेवाओं के लिए एक統ीकृत केवाईसी प्रणाली पर काम किया जा रहा है। इस प्रणाली के लागू होने के बाद निवेशकों को बार-बार अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर पहचान सत्यापन कराने की जरूरत नहीं होगी।
सेबी, वित्त मंत्रालय और अन्य नियामकों के साथ मिलकर केंद्रीय केवाईसी सिस्टम को मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत इंटरऑपरेबल बनाने पर काम कर रहा है। इससे बैंक, म्यूचुअल फंड, स्टॉक ब्रोकर और बीमा कंपनियों में एक ही केवाईसी मान्य होगी। यह प्रक्रिया निवेश को आसान और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।