


BNS की धारा 163 लागू: बाहर से आए लोगों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य
अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिले में आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से जिला मजिस्ट्रेट डॉ. मंजू ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 163 के अंतर्गत आवश्यक आदेश जारी किए हैं। यह आदेश जिले में रह रहे बाहरी व्यक्तियों, जैसे किरायेदारों, मजदूरों, घरेलू नौकरों, होस्टल और पीजी में रहने वालों के संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने की संभावनाओं को देखते हुए जारी किया गया है।
एसपी की रिपोर्ट के बाद प्रशासन ने लिया संज्ञान
जिला पुलिस अधीक्षक गौरव यादव द्वारा भेजे गए रिपोर्ट में बताया गया कि जिले के विभिन्न होस्टल, ढाबे, धर्मशालाएं, ईंट भट्टे और औद्योगिक प्रतिष्ठानों में बाहर से आए कई ऐसे लोग रह रहे हैं या कार्यरत हैं जिनका कोई पुलिस चरित्र सत्यापन नहीं कराया गया है। इनमें से कुछ की गतिविधियों को लेकर संदेह भी जताया गया है।
किस-किस पर लागू होगा यह आदेश?
यह आदेश जिले में रह रहे सभी बाहरी व्यक्तियों पर लागू होगा, विशेषकर वे जो:
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किरायेदार के रूप में रह रहे हैं
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घरेलू नौकर या चौकीदार के रूप में काम कर रहे हैं
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ईंट भट्टों, कारखानों या दुकानों में मजदूर हैं
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पीजी, होस्टल, धर्मशालाओं या सरायों में रुके हुए हैं
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स्ट्रीट वेंडर्स या अस्थायी कामगार हैं
इन सभी के लिए संबंधित मकान मालिक, प्रतिष्ठान संचालक या व्यवस्थापक को अनिवार्य रूप से पुलिस चरित्र सत्यापन कराना होगा।
BNS की धारा 163 क्या है?
पहले जिसे भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के तहत लागू किया जाता था, अब उसे बीएनएसएस (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) की धारा 163 के तहत लागू किया गया है। इसका उद्देश्य किसी संभावित खतरे, आपात स्थिति या सार्वजनिक सुरक्षा संकट की स्थिति में तत्काल प्रतिबंधात्मक कदम उठाना होता है।
निष्कर्ष
जिले की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सतर्क हो चुका है और अब बिना पुलिस सत्यापन के किसी भी बाहरी व्यक्ति को ठहराना या कार्य पर रखना कानूनी रूप से जोखिमपूर्ण हो सकता है। जिला प्रशासन ने सभी संबंधित लोगों से इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने की अपील की है, ताकि जिले में शांति और कानून व्यवस्था बनी रह सके।