


बीकानेर.
प्रस्तावित नहरबंदी के दौरान संभावित पेयजल संकट से निपटने के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) ने अवैध जल कनेक्शन हटाने का अभियान 22 मार्च से शुरू किया है। विभाग के अधीक्षण अभियंता खेमचंद सिंगारिया ने बताया कि अब तक 439 अवैध पानी कनेक्शन हटाए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि विभाग के सभी सहायक अभियंता अपने-अपने क्षेत्र में नियमित रूप से कार्रवाई कर रहे हैं, ताकि अवैध जल उपभोग पर नियंत्रण पाया जा सके।
सख्त कार्रवाई की चेतावनी
सिंगारिया ने बताया कि विभागीय निर्देशों के तहत यदि किसी के यहां अवैध जल संबंध पाया गया, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इसके साथ ही जल चोरी की मात्रा के आधार पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।
24 घंटे चल रहा कंट्रोल रूम
जल संकट से निपटने और लीकेज जैसी समस्याओं की त्वरित मरम्मत के लिए विभाग का कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय है। आमजन 0151-2226454 पर फोन कर किसी भी प्रकार की जल समस्या दर्ज करवा सकते हैं।
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सिंगारिया ने कहा कि लीकेज की सूचना तुरंत देने से हजारों लीटर पानी बचाया जा सकता है।

पानी बचाने की अपील
प्रस्तावित नहरबंदी को देखते हुए सिंगारिया ने जल संरक्षण में जनसहभागिता की अपील की है। उन्होंने बताया कि एक टपकता नल रोज़ाना लगभग 80 लीटर पानी बर्बाद करता है, जिसे तुरंत ठीक कराना जरूरी है।
बाल्टी से नहाने और शॉवर के प्रयोग में अंतर बताते हुए उन्होंने कहा कि एक परिवार 100 लीटर तक पानी की बचत रोज कर सकता है।
अनावश्यक छिड़काव से बचें
उन्होंने कहा कि गर्मियों में लोग छतों और घरों के बाहर अनावश्यक पानी का छिड़काव करते हैं, जिससे सैकड़ों लीटर पानी व्यर्थ बह जाता है। साथ ही उन्होंने सार्वजनिक जल स्टैंड पर बहते नल बंद करने और जल संरक्षण को लेकर नागरिक जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया।
अंत में उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान के लोग जल के महत्व को भली-भांति समझते हैं, इसलिए जिलेवासी नहरबंदी के दौरान विभाग का सहयोग करें और पानी की हर बूंद की कदर करें।