


बीकानेर में पति-पत्नी के बीच घरेलू विवादों को सुलझाने में महिला थाना ने अहम भूमिका निभाई है। पिछले तीन वर्षों में 1540 परिवारों को टूटने से बचाया गया। महिला थाने के थानाधिकारी महेश कुमार शीला ने इसे पुलिस स्टाफ की समर्पित कोशिशों का नतीजा बताया है।
परिवारों को जोड़ने की प्रक्रिया:
- मामलों की प्रकृति: पति-पत्नी के विवाद के कारणों में बाहरी हस्तक्षेप, मोबाइल का उपयोग और ससुराल में आजादी जैसे मुद्दे प्रमुख रहे। दहेज के कारणों की घटनाएं अपेक्षाकृत कम रहीं।
- त्रिस्तरीय काउंसलिंग:
- महिला थाना द्वारा दोनों पक्षों से अलग-अलग बात कर काउंसलिंग सत्र आयोजित किए गए।
- जरूरत पड़ने पर पहली काउंसलिंग विफल होने पर दूसरी और तीसरी बार प्रयास किया गया।
- परिवारों को कानूनी प्रक्रियाओं में समय और पैसे की बर्बादी से बचने के लिए प्रेरित किया गया।
- प्रभाव:
- वर्ष 2022: 457 मामलों में समझौता, 185 मामलों में चालान।
- वर्ष 2023: 543 मामलों में समझौता, 204 मामलों में चालान।
- वर्ष 2024: 540 मामलों में समझौता, 197 मामलों में चालान।
मुख्य उपलब्धियां:
- कई परिवारों को नई शुरुआत का मौका मिला।
- सालों से अलग रह रहे पति-पत्नी भी वापस साथ रहने के लिए राजी हुए।
महिला थाना स्टाफ का यह प्रयास सामाजिक रिश्तों को मजबूत बनाने और गलतफहमियों को दूर करने का प्रेरणादायक उदाहरण है।
