



राजस्थान सरकार ने कोचिंग स्टूडेंट्स की आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाने का फैसला लिया है। राज्य सरकार आगामी विधानसभा सत्र में एक नया विधेयक पेश करेगी, जिससे कोचिंग सेंटरों के संचालन में कड़े नियम लागू किए जाएंगे। यह विधेयक विद्यार्थियों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा।
राज्य सरकार ने इस संबंध में राजस्थान हाईकोर्ट को जानकारी दी है, जिसमें बताया गया कि इस बिल को पेश करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हाईकोर्ट में 2016 में कोचिंग विद्यार्थियों की आत्महत्या को लेकर स्वप्रेरणा से याचिका दाखिल की गई थी, जिसके बाद न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह और वी के भारवानी की खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस मुद्दे पर कार्रवाई करने को कहा था।
महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कोर्ट में बताया कि सरकार कोचिंग सेंटरों के संचालन के लिए कानून बना रही है, जिसके लिए सभी पहलुओं पर काम किया जा रहा है। इस विधेयक को विधानसभा सत्र में पेश करने का प्रयास किया जा रहा है। कोर्ट ने महाधिवक्ता की जानकारी को रिकॉर्ड में लिया और अगली सुनवाई 10 फरवरी को तय की है।

राजस्थान विधानसभा का सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा, जिसमें राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का अभिभाषण होगा। इसके बाद, 3 से 6 फरवरी तक इस पर चर्चा होगी, और मुख्यमंत्री 6 फरवरी को इसका जवाब देंगे। 19 फरवरी को राज्य सरकार अपना बजट पेश करेगी, और मार्च मध्य तक विभिन्न विभागों की मांगों पर बहस होगी।