



दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी ने यमुना के पानी को एक बड़ा मुद्दा बना दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सीएम आतिशी का आरोप है कि हरियाणा की भाजपा सरकार जानबूझकर यमुना में जहरीला पानी छोड़ रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की यह हरकत दिल्ली चुनावों में हार के डर के कारण की जा रही है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि अगर दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने समय रहते इस पानी को पकड़ न लिया होता, तो दिल्ली में बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो सकती थी।
अरविंद केजरीवाल का बयान:
केजरीवाल ने बिजवासन क्षेत्र में एक चुनावी जनसभा के दौरान कहा, “भाजपा ने यमुना में जहर मिला दिया है। अगर यह पानी दिल्ली में पहुंचता, तो ना जाने कितने लोगों की जान चली जाती। दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों का शुक्र है कि उन्होंने इसे पकड़ लिया और पानी को बॉर्डर पर ही रोक दिया।”
यमुना में बढ़ा अमोनिया स्तर:
केजरीवाल और सीएम आतिशी ने यमुना में बढ़े अमोनिया के स्तर को “जहर” बताया है। यह अमोनिया यमुना में फैक्ट्रियों द्वारा छोड़े गए प्रदूषित पानी के कारण बढ़ गया था। आतिशी ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार 10 दिन से यमुना में प्रदूषित अमोनिया वाला पानी छोड़ रही है।
दिल्ली जल बोर्ड का खंडन:
दिल्ली जल बोर्ड ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यमुना में अमोनिया का स्तर हमेशा बढ़ता रहता है और यह पहली बार नहीं हो रहा है। जल बोर्ड के अनुसार, यमुना में अमोनिया का स्तर कभी-कभी बढ़ जाता है, लेकिन इससे किसी की जान का खतरा नहीं होता है। जल बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि इस समय यमुना के पानी में 6.5 पीपीएम अमोनिया है, जो ट्रीटमेंट के लिए अधिक है, लेकिन यह किसी के लिए खतरनाक नहीं है।
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सर्दियों में अमोनिया का स्तर बढ़ता है:
दिल्ली जल बोर्ड ने यह भी कहा कि हर साल सर्दियों में अक्टूबर से फरवरी तक यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है, क्योंकि इस दौरान फैक्ट्रियों और सीवरों से बिना ट्रीट किए पानी यमुना में गिरता है और नदी की धारा का बहाव कम होने से प्रदूषक तत्व जमा हो जाते हैं।
भा.ज.पा. का पलटवार:
इस विवाद पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, “हम वही बात कह रहे हैं जो जनता कहना चाहती है… जो पानी हरियाणा से आ रहा है, उस पानी में हम नहाते हैं। अरविंद केजरीवाल को शर्म आनी चाहिए। दिल्ली को बहाने नहीं बदलाव चाहिए।”
निष्कर्ष:
दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार, यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ने से पानी की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, लेकिन इससे किसी की जान का खतरा नहीं है। वहीं, आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच इस मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है।