


कुछ दिनों पहले तक लोग यह पूछते थे कि “कितना मुनाफा हुआ?” लेकिन अब सवाल बदल गया है, “कितना नुकसान हुआ?” शेयर बाजार में हाल के हफ्तों में लगातार गिरावट से निवेशकों के पोर्टफोलियो लाल निशान में बदल गए हैं। कई निवेशकों की सालों की कमाई एक ही महीने में खत्म हो गई है। कोविड के बाद इतनी बड़ी गिरावट पहली बार देखी जा रही है।
इस समय सबसे अधिक हलचल रिटेल निवेशकों में है। डेटा के अनुसार, पिछले एक महीने के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि बाजार कठिन दौर से गुजर रहा है। निवेशकों को हर सुबह उम्मीद होती है कि बाजार में सुधार होगा, लेकिन हर दिन बिकवाली का दबाव और बढ़ता जा रहा है, जिससे उनकी मेहनत की कमाई डूब रही है। दिवाली से पहले निवेशक आश्चर्य कर रहे हैं कि आखिर बाजार में इतनी गिरावट क्यों हो रही है।
पिछले एक महीने में कई मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। सेंसेक्स अपने ऑल-टाइम हाई से करीब 6,500 अंक और निफ्टी करीब 2,100 अंक नीचे आ चुका है। वहीं, डिफेंस सेक्टर इंडेक्स 26% तक गिर चुका है। इस बिकवाली के चलते एक महीने में निवेशकों के 40 लाख करोड़ रुपये डूब चुके हैं।

इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजार से पैसा निकालकर चीन में निवेश करना प्रमुख है। केवल अक्टूबर में ही 1.08 लाख करोड़ रुपये की निकासी ने बाजार पर भारी दबाव डाला है। इसके अलावा, कई कंपनियों के कमजोर तिमाही परिणामों ने भी बाजार की स्थिति को और बिगाड़ दिया है। विशेष रूप से, ऑटो, एफएमसीजी, और टेक कंपनियों के कमजोर नतीजों ने बाजार को गहरा झटका दिया है।
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सरकारी कंपनियों और कुछ नई तकनीकी कंपनियों के शेयरों में पहले काफी तेजी देखी गई थी, लेकिन अब इन पर भी मुनाफावसूली का असर हो रहा है। उच्च मूल्यांकन वाले इन शेयरों में अब गिरावट आ रही है, जिससे बाजार की अस्थिरता बढ़ी है।