


ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व में जारी युद्ध, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी चुनौतियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों की सकारात्मक भूमिका इन चुनौतियों से निपटने और दुनिया को सही रास्ते पर लाने में मदद कर सकती है। पीएम मोदी ने विशेष रूप से रूस-यूक्रेन संघर्ष का समाधान शांतिपूर्ण वार्ता और कूटनीति के माध्यम से करने की अपील की। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत युद्ध का नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एकजुट प्रयासों की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के मामले में किसी भी प्रकार के दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। पीएम मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें अपने देशों में युवाओं के कट्टरपंथीकरण को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य वैश्विक संस्थाओं में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक संस्थानों में सुधार समयबद्ध तरीके से होना चाहिए ताकि वे अधिक प्रभावी और प्रासंगिक बने रहें।

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत ब्रिक्स में नए देशों का स्वागत करने के लिए तैयार है, लेकिन सभी निर्णय आम सहमति से किए जाने चाहिए और ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए।