


इस साल अब तक 64 कंपनियों ने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के माध्यम से ₹93,647 करोड़ जुटाए हैं। अगले हफ्ते तीन और कंपनियां 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाने वाली हैं, जिससे इस महीने के अंत तक यह रकम ₹97,782 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।
बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद, विश्लेषकों का मानना है कि दिसंबर तक आईपीओ के माध्यम से जुटाई जाने वाली कुल राशि ₹1.20 लाख करोड़ से अधिक हो सकती है। इससे पहले 2021 में 63 कंपनियों ने ₹1.20 लाख करोड़ जुटाए थे, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था।
नवंबर के पहले हफ्ते में एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी 10,000 करोड़ रुपये का आईपीओ ला रही है, जिससे कुल जुटाई गई राशि ₹1.08 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगी। इसके अलावा, शापूरजी पलोनजी की अफकॉन्स इन्फ्रा 8,000 करोड़ रुपये और स्विगी 11,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहे हैं। यदि यह रुझान जारी रहा, तो दिसंबर तक रिकॉर्ड रकम जुटाई जा सकती है।
आईपीओ की संख्या में नया रिकॉर्ड
2024 में आईपीओ की संख्या के मामले में भी नया रिकॉर्ड बन चुका है। इस साल अब तक 64 कंपनियों ने आईपीओ पेश किए हैं, जबकि अगले हफ्ते तीन और कंपनियां इस सूची में शामिल हो जाएंगी। 2023 में 58 कंपनियों ने ₹49,437 करोड़, 2022 में 40 कंपनियों ने ₹59,939 करोड़, और 2021 में 63 कंपनियों ने ₹1.20 लाख करोड़ जुटाए थे।
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एसएमई आईपीओ में रिकॉर्ड वृद्धि
इस साल एसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) कंपनियों ने 12 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है। अब तक 210 एसएमई कंपनियों ने ₹7,693 करोड़ जुटाए हैं, जो 2012 में एसएमई प्लेटफॉर्म की शुरुआत के बाद से सबसे बड़ा आंकड़ा है। 2023 में 182 एसएमई कंपनियों ने ₹4,967 करोड़ जुटाए थे।
2025 में भी आईपीओ बाजार में तेजी
विश्लेषकों का मानना है कि अगले साल भी आईपीओ बाजार में तेजी बनी रहेगी। टाटा संस जैसी बड़ी कंपनियों से अगले साल बड़ा इश्यू आने की उम्मीद है। टाटा संस का संभावित इश्यू ₹55,000 करोड़ का हो सकता है, हालांकि कंपनी फिलहाल आईपीओ से बच रही है।
इस तरह, इस साल आईपीओ बाजार ने मजबूत प्रदर्शन किया है और दिसंबर तक रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंचने की उम्मीद है।