


79,156 करोड़ की योजनाओं को मिली मंजूरी: प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान
आबूरोड के उपायुक्त, गौरव रविन्द्र सालुंखे के अनुसार, केंद्र सरकार ने आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए 79,156 करोड़ रुपये की योजनाओं को स्वीकृति दी है। इस योजना के तहत प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अंतर्गत 17 मंत्रालयों से जुड़ी 25 योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य कौशल विकास, रोजगार, और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करना है।
सिरोही जिले के पांच ब्लॉकों में स्थित 131 जनजातीय बाहुल्य गांवों में इस अभियान को लागू किया जाएगा। सालुंखे ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य आदिवासी समुदायों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार करना है।
केंद्र सरकार की 2024-25 के बजट में की गई घोषणा के अनुसार, प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत जिलास्तरीय समारोह का आयोजन भी प्रस्तावित है।

कौशल विकास और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार
इस योजना के अंतर्गत युवाओं को फूड प्रोसेसिंग, कृषि, मत्स्य पालन, और पशुपालन से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। आदिवासी क्षेत्रों में मोबाइल स्वास्थ्य इकाइयां स्थापित की जाएंगी, जो दूरदराज के क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगी। आयुष्मान भारत योजना के तहत, इन क्षेत्रों के लोगों को पांच लाख रुपये तक की मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी, साथ ही टेलीमेडिसिन सेवाओं का भी विस्तार किया जाएगा।
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शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर ध्यान
आदिवासी क्षेत्रों में छात्रों के लिए छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा और नई स्कूलों की स्थापना की जाएगी, ताकि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, इन इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के तहत मान्यता प्राप्त पट्टाधारकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा, जिसमें कृषि, पशुपालन, और अन्य संसाधनों से संबंधित योजनाएं शामिल होंगी।