


ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले शातिर बदमाशों की निगाह कोटा में पढ़ने वाले कोचिंग स्टूडेट्स पर है। पिछले कुछ माह में ही शहर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके, जिनमें बच्चों के अभिभावकों को कॉल कर रुपयों की डिमाण्ड की गई। अभिभवकों को अपहरण होने, किसी अपराध में फंसने व गिरफ्तार होने की बात कहकर उन्हें टार्गेट किया गया। लगातार ऐसे मामले सामने आने पर शहर एसपी ने भी बच्चों से अपील की है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म सहित वेबसाइट्स व थर्ड पार्टी ऐप्स के जरिए यूजर्स का निजी डेटा लीक होता है। इसलिए किसी भी लिंक के माध्मय से अपनी जानकारी नहीं दें।
हैकर्स सोशल मीडिया पर अलग-अलग ऑफर्स के जरिए यूजर्स को लुभाते हैं और लिंक पर क्लिक करने के लिए मजूबर करते हैं। यूजर्स लिंक पर क्लिक कर फंस जाते हैं। अनजान लिंक में मालवेयर छुपा हो सकता है जो बैंकिंग डीटेल्स समेत अन्य निजी जानकारी चुरा सकता है।शहर एसपी डॉ. अमृता दुहन ने कहा कि कोटा शहर में पढऩे वाले सभी कोचिंग छात्र-छात्राओं से अनुरोध है कि उनके पास सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से किसी भी तरह का लिंक या गूगल शीट आती है, जिनमें अपना डाटा या जानकारी भरने को कहा जाता है। लेकिन ऐसा कोई डाटा या अन्य जानकारी न दें। अगर आपने डाटा या जानकारी दी तो वह लीक हो सकता है। लीक होने के बाद आपका डाटा साइबर फ्राड में उपयोग लिया जा सकता है। साइबर फ्रॉड करने वाले इस डाटा के माध्यम से परिजनों-अभिभावकों को कॉल कर झांसे में लेते हैं। इसलिए कोई भी निजी जानकारी किसी भी लिंक या गूगल फार्म में न भरें।
वहीं सोशल मीडिया पर लिंक भेजकर कई तरह के झांसे में लेकर आपको रुपए इनवेस्ट करने के लिए कहा जाता है। इस झांसे में नहीं आएं। यह इन्वेस्टमेंट नहीं होता बल्कि यह साइबर धोखाधड़ी है। जैसे ही आपने इनवेस्ट किया वह लिंक खत्म हो जाएगा और आपके पास रिटन्स नहीं आएगा। मुफ्त में आपको कोई रुपया नहीं देता है। इस बात का ध्यान रखें। किसी भी लिंक के माध्यम से किसी साइबर फ्रॉड का हिस्सा नहीं बने।
बरतें सावधानी
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– ऐसी वेबसाइट पर ना जाएं जो सिक्योर ना हो- अनजान लिंक के जरिए कोई भी सॉफ्टवेयर या ऐप डाउनलोड नहीं करें

– दूसरे व्यक्ति के कंप्यूटर या लैपटॉप पर अपनी निजी डीटेल्स या फाइल्स को ना छोंडें़- लैपटॉप या कंप्यूटर में एंटीवायरस और वायरवॉल को इंस्टॉल और अपडेट रखें
– किसी भी ईमेल को खोलने या अटैचमेंट को खोलने से पहले वायरस के खतरे को ध्यान में रखें- ईमेल में वायरस का शक है तो उस ईमेल को स्पैम मार्क कर दें
– गूगल से एपीके एप डाउनलोड करने से बचें। एपीके फाइल में मौजूद मालवेयर आपका डेटा चोरी कर सकता है।