


बीकानेर। विधानसभा चुनाव में इस बार भी 7 प्रत्याशियों की हार-जीत का अंतर एक हजार से कम बोट हर, प्रदेश में नोटा पर डाले गए मलों का आकड़ा 3.82 लाख से अधिक पहुंच गया। लगातार तीसरी बार नोटा का आंकड़ा घटा है, जबकि नोटा कर प्रावधान जनता को प्रत्याशियों को नकारने का मौका देने के लिए दिया गया था। अब कब जाने लगा है कि नोटा बोट डालने का मतलब है किसी प्रत्यासी को जीतने का अवसर देना। नोटा को 0.96 प्रतिशत बोट मिले हैं। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में नोटा वोट की संख्या 5 लाख 89 हजार के करीब थी,

इसके अगले चुनाव में यह आंकड़ा 4 लाख 67 हजार 785 रह गया। वर्ष 2018 में कुल वोट का 1.33 प्रतिशत नोटा वोट ये 15 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में नोटा वोट प्रत्याशियों की हार- जीत के अंतर से अधिक थे। इस बार सोलह सीटों पर हार-जीत का अंतर दो हजार से कम रहा है। कोटपूतली सीट पर 321 मतों से फग्रेस के राजेन्द्रसिंह यादव को भाजपा के हंसराज पटेल ने हराया। कोटपूतली व कतुमर में हार- जीत का अंतर 500 वोट से भी कम रहा। जहाजपुर, नोहर, बायतू व हवामहल सीट पर हार-जीत का अंतर 500 से एक हजार के बीच रहा।