


बीकानेर। जिलेभर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत एएनएम, एलएचबी की महिला स्वास्थ्य कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य संबंधी सभी सरकारी योजनाएं व सेवाएं प्रभावित हो गई हैं। हड़ताल के कारण उप स्वास्थ्य केन्द्रों में ताला लटक रहा है। इससे गर्भवती महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी का करना पड़ रहा है, उन्हें डिलिवरी घर में ही करानी पड़ रही है। बामनवाली, ,सोढवाली,हाफासर,राजपुरा हुड्डान,,धीरेरा, खिलेरिया आदि गांवों में लोग अब परेशान हो गए हैं।
लूणकरनसर के बामनवाली में बंद पड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र।

जिलेभर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यरत एएनएम,एलएचबी की महिला स्वास्थ्य कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से ग्रामीणों क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह प्रभावित हो गई हैं। एक मई से उनकी हड़ताल शुरू हुई है जिससे ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है।कई उप-स्वास्थ्य केन्द्र में गर्भवती महिलाएं पहुंची, जिन्हें उल्टे पांव लौटना पड़ा। महिला स्वास्थ्य कर्मियों के आंदोलन में चले जाने के 20 दिन बाद भी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई जिसके कारण स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है।
राहत शिविर भी प्रभावित
राज्य सरकार की 10 कल्याणकारी योजनाओं के लिए मंहगाई राहत कैम्प,प्रशासन गांवों के संघ अभियान शिविर भी महिला स्वास्थ्य कर्मियों की हङताल से प्रभावित हो रहे है।हालांकि यह शिविरों में स्वास्थ्य विभाग वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा है लेकिन यह व्यवस्था कागजी साबित हो रही हैं।
70 केंद्र पूरी तरह बंद
अकेले लूणकरनसर में सत्तर के करीब उप स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े हैं। यहां कुल 90 महिला स्वास्थ्य कर्मी है, जिनमें अधिकांश इन दिनों हड़ताल पर है। यहां संस्थागत प्रसव, संपूर्ण टीकाकरण, राष्ट्रीय कार्यक्रम सहित अनेक योजनाओं पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है।
महिला कर्मी ही है, वो ही हड़ताल पर
इन अस्पतालों में सिर्फ महिला स्वास्थ्य कर्मचारी ही काम कर रही है, ऐसे में यहां ताला लग गया। इन केंद्रों पर डॉक्टर तो पहले से नहीं है। महिला स्वास्थ्य कर्मी ही गांव के लोगों के टीके, डिलीवरी सहित काम करती है। अब इन्हीं के हड़ताल पर जाने से ग्रामीण व्यवस्था पूरी तरह लड़खड़ा गई है।