


श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में इस बार सरसों की फसल पहले पाळा की चपेट में आ गई। इस कारण उत्पादन व गुणवत्ता काफी कमजोर रही। इस बीच मौसम खराब हुआ तो फसल में नमी बढ़ गई। अब न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद देरी से शुरू हुई। इस कारण किसानों ने कम मूल्य पर बाजार में सरसों का बेचान कर दिया। अब बाजार में सरसों काफी मंदी चल रही है। इस कारण किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 5450 रुपए प्रति क्विंटल बेचान करना पड़ रहा है। साथ ही सरसों की खरीद की रफ्तार धीमी चल रही है। उल्लेखनीय है कि सरसों व चना की खरीद के लिए राजस्थान राज्य सहकारी क्रय-विक्रय संघ लिमिटेड ने 20 मार्च से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर शुरू कर दिए थे।
बाजार भाव कम, खरीद भी कम हुई
शनिवार को सरसों नई धानमंडी श्रीगंगानगर में 4150 से 4626 रुपए प्रति क्विंटल तक बिकी। वहीं, श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में 60 खरीद केंद्रों पर 6487 किसानों से 146896 क्विंटल सरसों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हुई है। इनमें श्रीगंगानगर जिले में 4538 किसानों से 104188 क्विंटल और हनुमानगढ़ में 1949 किसानों से 42708 क्विंटल सरसों की एमएसपी पर खरीद की गई है। हालांकि पिछले वर्ष सरसों बाजार में 7000 हजार रुपए प्रति क्विंटल से अधिक मूल्य पर बिक रही थी। इस बार सरसों का मूल्य काफी कम चल रहा है। इसका किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। साथ ही सरसों की खरीद प्रतिदिन 25 क्विंटल ही की जा रही है।
श्रीगंगानगर जिले में सरसों का गणित
सरसों की बुवाई 2,28,700 हैक्टेयर
सरसों का उत्पादन 3,66,258 मीट्रिक टन
सरसों की उत्पादकता 1563 किग्रा व हैक्टेयर
सरसों की एमएसपी पर खरीद 42708.00 क्विंटल
हनुमानगढ़ जिले में सरसों का गणित
सरसों की बुवाई 3,27,411 हैक्टेयर
सरसों का उत्पादन 5,67,111 मीट्रिक टन
सरसों की उत्पादकता 1750 किग्रा व हैक्टेयर
सरसों की एमएसपी पर खरीद 104188.00 क्विंटल
सरसों की एमएसपी 5450 रुपए प्रति क्विंटल
सरसों का बाजार भाव 4150 से 4626 रुपए प्रति क्विंटल
इस सीजन में जिले में सरसों की बुवाई 3 लाख 27 हजार 411 हैक्टेयर बंपर हुई थी और सरसों का उत्पादन 5,67,111 मीट्रिक टन का अनुमान है। पाळा पडऩे से इस बार जिले में सरसों की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। साथ ही तेल की मात्रा पर भी पड़ाव पड़ा है।
केंद्र बनाए, लेकिन खरीद शुरू नहीं
राजफैड ने सरसों की एमएसपी पर खरीद श्रीगंगानगर जिले में जीएसएस गोविंदपुरा, चार जेजे और सावंतसर व जानकीदासवाला ग्राम सेवा सहकारी समिति ने सरसों की खरीद तक नहीं की। वहीं, हनुमानगढ़ में आठ केंद्रों पर खरीद शुरू ही नहीं की।
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सरसों काफी मंदा चल रहा है। आयातित खाद्य तेल सस्ता होने के कारण स्थानीय बाजार में तेल की कीमत काफी कम है। साथ ही केंद्र सरकार ने ड्यूटी भी कम कर दी गई। इस बार सरसों के भाव में तेजी आने की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं लग रही।
– विशाल बगडिय़ा, सरसों व्यापारी, श्रीगंगानगर।
श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में 60 केंद्रों पर सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है। बाजार भाव काफी कम है। इस कारण किसान एमएसपी पर सरसों का बेचान कर रहा है।
