


जयपुर। राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में एक बार फिर सबसे ऊंची कुर्सी पर कोई महिला अफसर बैठ सकती हैं। यह कुर्सी है राज्य मुख्य सचिव की। वर्तमान मुख्य सचिव उषा शर्मा 30 जून को रिटायर होने वाली हैं। अब उनकी जगह कौन लेगा? इसकी तलाश राज्य सरकार ने शुरू कर दी है।
संयोग कुछ ऐसा बन रहा है कि उषा शर्मा के बाद सबसे सीनियर अधिकारी महिला वीनू गुप्ता हैं। सीएम अशोक गहलोत की सरकार में पिछले 4 सालों से जिस तरह के पदों पर वीनू गुप्ता पदस्थ रही हैं, उससे वे मुख्य सचिव की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं। अगर उनके नाम की घोषणा होती है तो राजस्थान पहला राज्य होगा जहां तीसरी बार महिला मुख्य सचिव होंगी।
सीनियरिटी के हिसाब से टॉप-16 आईएएस अफसरों की लिस्ट का एक्सपर्ट के माध्यम से एनालिसिस किया तो वीनू गुप्ता के अलावा कुछ और अफसरों के नाम भी सामने आए। उनकी टक्कर में दो महिला और हैं। वहीं एक सवाल ये भी है कि क्या मौजूदा मुख्य सचिव उषा शर्मा को एक्सटेंशन मिलेगा?
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दूसरे सीनियर अफसर भी, लेकिन प्रतिनियुक्ति का पेच
राजस्थान के मुख्य सचिव की कुर्सी की रेस में दिल्ली में प्रतिनियुक्ति का एक अलग ही पेच है। टॉप-10 सीनियर आईएएस अफसरों में से 6 दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर हैं। सभी की प्रतिनियुक्ति की समयावधि खत्म होने में अभी एक से तीन साल बकाया हैं। उनमें से किसी भी अफसर की सेवाएं राज्य सरकार ने अब तक वापस नहीं मांगी हैं।
उषा शर्मा भी मुख्य सचिव बनने से पहले दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर ही थीं, लेकिन उनकी सेवाएं तीन महीने पहले (30 जनवरी-2022 से पहले अक्टूबर-2021) वापस मांग ली गई थी। दिल्ली में प्रतिनियुक्ति वाले किसी भी आईएएस अफसर की सेवाएं वापस मांगने की लंबी प्रक्रिया है और केंद्र व राज्य सरकार दोनों की सहमति की जरूरत पड़ती है।
किसी दूसरे अफसर के लिए यह प्रक्रिया अब तक राज्य सरकार ने नहीं की है, जिसे तीन महीने पहले (30 जून-2023 से) शुरू करना चाहिए था। ऐसे में दिल्ली में पदस्थ आईएएस अफसरों को अब इस रेस में शामिल नहीं माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में गए अफसरों में से कोई भी फिलहाल राजस्थान लौटने के लिए इच्छुक भी नहीं है।
यह हैं उषा शर्मा के बाद टॉप-16 आईएएस अफसर
राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में वर्तमान में मुख्य सचिव उषा शर्मा के बाद 16 आईएएस अफसर अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। यह सब 1993 बैच तक के हैं। नियमानुसार, जिसे मुख्य सचिव बनाया जाता है, उसका अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर होना आवश्यक है। साथ ही किसी प्रमुख शासन सचिव या शासन सचिव या उससे जूनियर रैंक वाले या किसी प्रमोटी आईएएस (स्टेट सेवाओं से) अफसर को मुख्य सचिव नहीं बनाया जा सकता।
इनके बाद 1994 बैच के अफसर हैं, जिनमें से कोई भी अतिरिक्त मुख्य सचिव नहीं है। इस हिसाब से ये 16 अफसर ही मुख्य सचिव बनने की सारी शर्तें पूरी करते हैं।
