

हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ में 3 लाख रुपए की मांग को लेकर पत्नी की हत्या करने के मामले में मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायालय ने पति को दोषी करार दिया। न्यायाधीश संजीव मागो ने दोषी पति को आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को 3 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। राज्य की ओर से लोक अभियोजक उग्रसैन नैण ने पैरवी की।
प्रकरण के अनुसार 3 दिसम्बर 2020 को जीतू रैदास पुत्र रामप्रसाद निवासी कच्चीमठ महटोली, कानपुर ने गोलूवाला थाने में रिपोर्ट दी थी कि उसकी बहन राखी उर्फ श्याम सखी गोलूवाला क्षेत्र में ईंट भट्टे पर काम करती थी। गोलूवाला में ही हलवाई का काम करने वाले अंकित उर्फ बंटी पुत्र विरेन्द्र सिंह निवासी हकीकतपुर, जिला फरूखाबाद, उत्तर प्रदेश हाल किराएदार गोलूवाला सिहागान से जनवरी 2017 के बाद प्रेम विवाह कर लिया था। विवाह के बाद राखी उसकी छोटी बहन राधा से फोन पर बातें करती थी। वह बताती थी कि अंकित उससे 3 लाख रुपए की मांग करता है तथा रुपए नहीं मिलने पर मारपीट करता है। इसके बाद पंचायती करनी चाही। मगर दूरी अधिक होने के कारण गोलूवाला नहीं आ पाए तथा फोन पर ही अंकित को समझाया। उसने गलती मान ली तथा भविष्य में फिर मारपीट वगैरह नहीं करने की बात कही।
आरोप था कि एक दिसम्बर 2020 को अंकित ने किराए के मकान में राखी की गला दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने अंकित उर्फ बंटी के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 बी, 302 तथा 498 ए के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए 498 ए में तीन साल तथा 304 बी में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। धारा 302 में संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त घोषित कर दिया।
